रायपुर। छत्तीसगढ़ में कथित आबकारी घोटाले की जांच के दायरे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की करीब 61.20 करोड़ रुपए की संपत्तियाें को कुर्क किया हैं।
ईडी ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की है। कुर्क की गई संपत्तियों में 364 भूखंड और कृषि भूमि (करीब 59.96 करोड़ रुपए मूल्य) के अलावा 1.24 करोड़ रुपए की बैंक राशि और सावधि जमा शामिल हैं। इससे पहले भी आबकारी घोटाले से जुड़ी कई संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। इस तरह अब तक इस मामले में कुल 276.20 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।
एजेंसी के अनुसार छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले में राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हुआ और करीब 2500 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध आय विभिन्न लाभार्थियों के पास पहुंचाई गई। जांच में यह भी सामने आया कि चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट के शीर्ष स्तर पर सक्रिय था, जो कथित रूप से घोटाले से प्राप्त धन के लेखा-जोखा को संभालता था।
ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल ने इस अवैध धन को अपने रियल एस्टेट व्यवसाय में लगाकर उसे वैध निवेश के रूप में दिखाया। जांच में यह भी पाया गया कि उसने अपनी कंपनी मेसर्स बघेल डेवलपर्स के तहत विट्ठल ग्रीन नामक प्रोजेक्ट में इसी धन का उपयोग किया।
गौरतलब है कि ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। इससे पहले एजेंसी इस मामले में पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी, और पूर्व मंत्री कवासी लखमा को भी गिरफ्तार कर चुकी है।



