मीरजाफर का कारनामा तो वीर सावरकर ने किया : अशोक गहलोत

भरतपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा के कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मीर जाफर बताए जाने वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि मीरजाफर ने जो कारनामा किया, वह कारनामा तो वीर सावरकर ने किया।

राज्यमंत्री सुभाष गर्ग के भाई के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करने एवं उनके परिजनों को ढांढस बंधाने भरतपुर आए गहलोत ने आज यहां मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पात्रा जैसे भाजपा के चेहरा बने हुए हैं और वह घटिया स्तर के कमेंट करते हैं और राहुल को मीर जाफर कहते हैं। इतिहास गवाह है कि मीरजाफर ने जो कारनामा किया वह तो वीर सावरकर ने किया।

उन्होंने कहा कि सावरकर ने अनेक बार अंग्रेजों से माफी मांगी। जब अंग्रेजों के खिलाफ युद्द चल रहा था तब अंग्रेजों का साथ दिया और लोगों को अंग्रेजों की सेना में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि इनके एक भी व्यक्ति का आजादी की जंग में योगदान नहीं रहा।

उन्होंने कहा कि मीर जाफर की भूमिका तो इन्होंने निभाई है। देश के सामने मीरजाफर की तरह इन लोगों ने धोखा दिया। उन्होंने कहा कि अब देशवासियों को सोचना पड़ेगा कि हिंदू- मुस्लिम की राजनीति बहुत हो चुकी है। उन्होंने इनकी हरकतों को देश माफ नहीं करेगा।

राहुल गांधी को दिल्ली पुलिस के नोटिस मामले में गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में हैं और सरकारी संस्थाओं का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने बड़ी यात्रा की और इसमें जो फीडबैक मिला उसके आधार पर उन्होंने जो राजनीतिक बयान दिया उसे आधार मानकर उनके घर तक दिल्ली पुलिस पहुंच जाती है जो पिछले 75 सालों में पहली बार ऐसा देखने को मिला है।

उन्होंने कहा कि न्यायालय पर उन्हें पूरा विश्वास है और आने वाले समय में सही फैसला होगा और इन लोगों ने जिस प्रकार का संदेश देने की कोशिश की है, उसमें ये कामयाब नहीं होंगे। उन्होंने राहुल गांधी को एक बहुत साहसी एवं हिम्मतवाला शख्स बताते हुए कहा है कि वही ही मोदी से मुकाबला कर सकता है।

राहुल गांधी एनडीए सरकार से मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम है और वह अकेला मुकाबला करता आ रहा है। उन्होंने लंबी यात्रा निकाली देश में और बेरोजगारी, महंगाई, हिंसा नहीं हो सहित उनके चारों मुद्दे महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि इन मुद्दों की तरफ तो मोदी और अमित शाह और एनडीए सरकार का ध्यान नहीं जाता और दिल्ली पुलिस को राहुल गांधी के घर भेज दिया जाता, अगर कोई नेता किसी राज्य का दौरा करे और उसके हालात के बारे में बोले, उसे लेकर केस दर्ज कर दिया जाता।