अजमेर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष पद पर द्रौपदी कोली की नियुक्ति का विरोध

अजमेर। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष पद पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से हाल ही में पार्षद द्रोपदी कोली की नियुक्ति की गई, जिसके खिलाफ कांग्रेस पार्षदों ने लामबंद होते हुए विरोध का बिगुल बजा दिया है।

द्रौपदी कोली की नियुक्ति का विरोध करते हुए पार्षदों ने बताया कि जिस प्रकार तमाम कांग्रेस पार्षदों की अनदेखी कर और अजमेर के स्थानीय वरिष्ठ नेताओं जिनमें शहर कांग्रेस अध्यक्ष, विधानसभा प्रत्याशियों, पूर्व विधायकों कि राय जाने बगैर नियुक्ति की गई है, यह पार्षदों पर नेता प्रतिपक्ष पद थोपने जैसा है।

नेता प्रतिपक्ष पद पर उस व्यक्ति की नियुक्ति होनी चाहिए जो कि सभी को साथ लेकर चले और पार्षदों की आवाज उचित पटल पर उठा सकने में सक्षम हो। पार्षदों ने आरोप लगाते हुए कहा कि द्रौपदी कोली पिछले 2 सालों से कांग्रेस पार्षदों से अलग-थलग रही और निगम में भी सक्रिय नहीं रही है, ऐसी परिस्थितियों में इनकी नियुक्ति से कांग्रेस के पार्षद असहाय महसूस कर रहे हैं।

आज सभी पार्षदों ने इनकी नियुक्ति का एक स्वर में विरोध दर्ज करते हुए शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन, दक्षिण विधानसभा प्रत्याशी हेमंत भाटी, उत्तर विधानसभा प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता, पूर्व विधायक डॉ राजकुमार जयपाल,डॉ गोपाल बाहेती का घेराव कर मौजूदा स्थिति से अवगत कराया।

जिस पर तमाम वरिष्ठ नेताओं ने द्रौपदी कोली की नियुक्ति पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए, साफ तौर पर कहा कि प्रदेश नेतृत्व ने इस नियुक्ति पर उनसे उनकी राय नहीं ली, और वह सभी कांग्रेस के पार्षदों की मांग के साथ खड़े हैं।

उनका भी कहना है कि जिस की भी नियुक्ति हो उसमें पार्षदों की सहमति होना अत्यंत आवश्यक है, सभी वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व को कांग्रेस पार्षदों की मांग से अवगत करा दिया है और पार्षदों के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया है।

पार्षदों का कहना है कांग्रेस पार्टी के उदयपुर अधिवेशन में यह नियम तय किया गया है कि एक व्यक्ति एक पद दिया जाएगा, जबकि द्रौपदी कोली के पास प्रदेश कांग्रेस सेवादल महिला विंग की अध्यक्ष की जिम्मेदारी है। पूर्व में पार्टी द्वारा इन्हें निगम चुनाव में मैयर प्रत्याशी भी घोषित किया जा चुका था, उसके बावजूद उन्हें नेता प्रतिपक्ष पद पर नियुक्त करना अन्य पार्षदों के साथ अन्याय है।

सभी पार्षद शीघ्र ही प्रदेश नेतृत्व को भी अपना विरोध दर्ज कराएंगे। पार्षदों ने चेतावनी देते हुए कहा कि शीघ्र ही उनकी मांग को मानते हुए द्रौपदी कोली की नियुक्ति को निरस्त किया जाना चाहिए, अन्यथा सभी कांग्रेस पार्षद विरोध स्वरूप सामूहिक इस्तीफा देंगे।

विरोध दर्ज करने वाले कांग्रेस, निर्दलीय, मनोनीत पार्षदों में श्याम प्रजापति, नरेश सत्यावना, पिंकी बालोटिया, गजेंद्र सिंह रलावता, नौरत गुर्जर, चंचल बेरवाल, मनीष सेठी, रश्मि हिंगोरानी, हितेशवरी टांक, सुनील धानका, अनीता चौरसिया, हामिद खान, नुकुल खंडेलवाल, कुशाल कोमल, आरिफ खान, बीना टांक, वसीम खान, सर्वेश पारीक, गीता लखन, शांहजहां बीबी, नरेश सारवान, अंकित मोटवानी आदि थे।