महिला और बच्चों को पीटने के आरोपी कूचबिहार के एसपी द्युतिमान भट्टाचार्य को पद से हटाया

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्युतिमान भट्टाचार्य को उनके पद से हटा दिया गया है। भट्टाचार्य पर आरोप है कि उन्होंने काली पूजा की रात अपने आधिकारिक आवास के पास पटाखे फोड़ रहे बच्चाें और महिलाओं समेत कईं लोगों पर हमला किया था।

राज्य सचिवालय नबन्ना ने गुरुवार को उनका तबादला करने का आदेश जारी किया। भट्टाचार्य को राज्य सशस्त्र पुलिस (एसएपी) की तीसरी बटालियन का कमांडेंट तैनात किया गया है। उनके स्थान पर संदीप कर्रा को कूचबिहार का नया एसपी नियुक्त किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अुनसार भट्टाचार्य काली पूजा की रात वार्ड नंबर 9 के रेलघुमती इलाके में अपने बंगले से कथित तौर पर हाफ पैंट, एक बनियान पहनकर बाहर निकले थे और बच्चों, एक महिला तथा एक स्कूल शिक्षक को छड़ी से पीटा था। यह घटना दिवाली की देर रात हुयी जब स्थानीय निवासी पटाखे जलाकर जश्न मना रहे थे।

भट्टाचार्य ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि देर रात तक लोग लगातार पटाखे फोड़ रहे थे, जिससे शांति भंग हो रही थी और सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा था।

उन्होंने दावा किया कि उनके सुरक्षा गार्डों ने निवासियों से शोर नहीं मचाने का आग्रह किया था। इससे पहले उन्होंने पहले संवाददाताओं से कहा था कि हमें लगा कि शोर जल्द ही खत्म हो जाएगा, लेकिन यह रात 10 बजे, 11 बजे, यहां तक कि रात के एक बजे तक भी जारी रहा। मेरे सुरक्षाकर्मियों ने उनसे पटाखे फोड़ना बंद करने का अनुरोध किया, लेकिन किसी ने नहीं सुना। मेरे कुत्ते लगातार भौंक रहे थे और परेशान हो रहे थे।

उधर, आधिकारिक तौर पर यह कहा जा रहा है कि यह तबादला एक नियमित फेरबदल का हिस्सा था, लेकिन पुलिस हलकों में कई लोगों का मानना है कि यह फैसला विवाद से जुड़ा है। इस घटना पर स्थानीय और राजनीतिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया पर एसपी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने अस्थिर मानसिक स्थिति में महिलाओं और नाबालिगों पर हमला किया।

कथित हमले के एक दिन बाद स्थानीय निवासियों ने एसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पास की एक सड़क को जाम कर दिया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था। इस दौरान सरकारी काम में बाधा डालने, पुलिस पर जानलेवा हमला करने का प्रयास करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया।