पेरिस। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने मंगलवार को पेरिस की ला-सांते जेल में आत्मसमर्पण कर दिया। यह फ्रांस के इतिहास में पहली बार है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को जेल में बंद किया गया है।
अदालत ने उन्हें 2007 के राष्ट्रपति चुनाव में लीबिया से अवैध तरीके से धन लेने के मामले में अदालत ने पांच साल कैद सुनाई है। इसमें दो वर्ष की कठोर कैद भी शामिल है।
सरकोजी पर आरोप था कि उन्होंने लीबिया के तत्कालीन शासक कर्नल मुअम्मर गद्दाफी सरकार से अपने चुनाव अभियान के लिए लगभग 50 मिलियन यूरो (करीब 450 करोड़ रुपए) लिए थे। अदालत में साबित हुआ कि यह पैसा चुपके से लिया गया और इसका इस्तेमाल लोगों पर अपना राजनीतिक असर डालने में किया गया।
इस मामले की जानकारी साल 2012 में तब सामने आई, जब लीबियाई अधिकारियों और गद्दाफी के पुत्र सैफ अल-इस्लाम ने खुलासा किया कि सरकोजी को चुनावी मदद दी गई थी। इसके बाद साल 2018 में फ्रांसीसी जांच एजेंसियों ने औपचारिक जांच शुरू की।
अदालत ने 25 सितंबर 2025 को उनको देते हुए उन्हें अपराधिक साजिश का दोषी पाया और तुरंत सज़ा लागू करने का आदेश दिया। सरकोजी ने इस फैसले को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया और निर्दोष होने का दावा किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह फैसला फ्रांस में भ्रष्टाचार और सत्ता जवाबदेही के नए दौर की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले 2011 में पूर्व राष्ट्रपति जैक्स शिराक को भी भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्हें जेल नहीं भेजा गया था। सरकोजी की अपील पर अदालत आने वाले सप्ताह में सुनवाई करेगी।