बीएस येदियुरप्पा पर यौन उत्पीड़न का आरोप, पुलिस जांच में जुटी

बेंगलूरु। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से शुक्रवार को इनकार किया और आरोप लगाया कि इसके पीछे राजनीतिक मकसद हो सकता है। येदियुरप्पा ने दावा किया कि उन्होंने शुरू में पुलिस आयुक्त से संपर्क करके संकट में फंसी महिला की मदद की थी, लेकिन बाद में वह उनके खिलाफ हो गई। उन्होंने कहा कि उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस आयुक्त को दे दी है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कुछ दिन पहले एक महिला रोते हुए मेरे घर आई और कह रही थी कि कुछ समस्या है, मैंने उससे पूछा कि मामला क्या है और मैंने मामले के बारे में पुलिस कमिश्नर को फोन किया और उसकी मदद करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि बाद में महिला ने मेरे खिलाफ बात करना शुरू कर दिया। मैंने इस मामले को पुलिस आयुक्त के ध्यान में लाया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने स्थिति के नतीजे के बारे में अनिश्चितता व्यक्त की और आरोपों के पीछे किसी भी राजनीतिक उद्देश्य के बारे में निश्चित दावे करने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि कल पुलिस ने मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज की। देखते हैं आगे क्या होता है, मैं यह नहीं कह सकता कि इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद है।

येदियुरप्पा पर यौन उत्पीड़न के आरोप में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर येदियुरप्पा के खिलाफ पोस्को अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने आश्वासन दिया है कि जांच सक्रिय रूप से चल रही है। उन्होंने मुद्दे की संवेदनशीलता पर जोर दिया और महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की प्रतिबद्धता का वादा किया। फिलहाल आरोपों को लेकर येदियुरप्पा या उनके परिवार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

परमेश्वर ने कहा कि मामले में कोई राजनीतिक कोण नहीं लगता है, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वह इसमें शामिल महिला को नहीं जानते हैं। उन्होंने सच्चाई सामने आने तक धैर्य रखने का आग्रह किया।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कल रात करीब 10 बजे एक महिला ने बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जांच जारी है। जब तक हमें सच्चाई का पता नहीं चलता, हम कुछ भी नहीं बता सकते। यह एक संवेदनशील बात है क्योंकि इसमें पूर्व मुख्यमंत्री का मामला शामिल है।