जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों के बलिदान की गौरव गाथा को प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की घोषणा की है।
शर्मा शुक्रवार को यहां वीर बाल दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रदर्शनी के मौके पर यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि साहिबजादों के बलिदान की गौरव गाथा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा, ताकि आने वाली पीढ़ी को साहिबजादों के बलिदान, इतिहास और गौरवगाथाओं से परिचित कराया जा सके।
शर्मा ने वीर बाल दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों का बलिदान राष्ट्रप्रेम, धर्मरक्षा और मानव मूल्यों की अमर मिसाल है। उन्होंने विशेष रूप से छोटे साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत को स्मरण करते हुए बताया कि किस प्रकार अल्पायु में भी उन्होंने अत्याचार के आगे झुकने से इनकार कर अपने धर्म और मूल्यों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। माता गुजरी के त्याग और साहस को भी प्रदर्शनी के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।
प्रदर्शनी का उद्घाटन शर्मा एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने संयुक्त रूप से किया और प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्रों एवं ऐतिहासिक प्रसंगों का अवलोकन किया। इस अवसर पर राठौड़ ने हिंदू–सिख एकता पर बल देते हुए कहा कि दोनों धर्मों का मूल स्वरूप, मूल्य और राष्ट्रप्रेम की भावना समान है। उन्होंने कहा कि जब समाज धर्म या मजहब के आधार पर विभाजित होता है, तो राष्ट्र को गंभीर क्षति उठानी पड़ती है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय उदाहरणों विशेषकर बांग्लादेश का उल्लेख करते हुए राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द और सांप्रदायिक समरसता की आवश्यकता पर जोर दिया।
उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, जयपुर सांसद मंजू शर्मा, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं कार्यक्रम समन्वयक सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, प्रदेश महामंत्री कैलाश मेघवाल सहित पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।



