सिरोही नगर परिषद में क्यों लाचार जिला कलक्टर, ऐसे प्रशासक दिलवा पाएंगे जनता का हक!

लाल बॉक्स में सिरोही की ऋतिका कॉलोनी की वो जमीन जिसे यहां के निवासियों ने फैसिलिटी होने का ज्ञापन जिला कलेक्टर को दिया था।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिले का सबसे ज्यादा प्रभावशाली अधिकारी जिस नगर परिषद का प्रशासक हो उस नगर परिषद में जनता की सुनवाई नहीं हो तो फिर सरकार का इकबाल बुलंद होने की गुजाइश न के बराबर रहती है। हाल में आए सर्वे के अनुसार भाजपा ने जिन राज्यों में सबसे ज्यादा विश्वास खोया है उसमें राजस्थान अव्वल है। अधिकारियों की इसी तरह की कार्यप्रणाली ने प्रदेश में दो साल में भाजपा को इस स्थिति में ला दिया है। ऋतिका कॉलोनी की फैसिलिटी की जमीन को देना सही है या गलत इस ओ अब तक कोई निर्णय नहीं आने की लापरवाही सिरोही जिले के नगर निकायों के काम करने के तरीकों की बानगी भर है।

-जिला कलेक्टर को भी दिया था ज्ञापन

सिरोही नगर परिषद बोर्ड का कार्यकाल नवम्बर में पूर्ण हो गया था। ऐसे में राज्य सरकार के द्वारा जिन नगर निकायों में प्रशासक नियुक्त किए गए थे उनमें सिरोही भी शामिल थी। सिरोही नगर परिषद में जिला कलेक्टर को प्रशासक बनाया गया था। जिला कलेक्टर यूं भी नगर परिषद के आयुक्त से बडा और प्रभावी पद है। ऐसे में प्रशासक के रूप में उन्हें सिरोही नगर परिषद में सीधे हस्तक्षेप का कानूनी अधिकार भी मिल गया है। जनवरी में सिरोही की ऋतिका काॅलोनी के लोगों ने जिला कलेक्टर को उनकी काॅलोनी की सामाजिक सुविधा के लिए आरक्षित की गई जमीन का पट्टा नगर परिषद सिरोही के द्वारा जारी कर दिए जाने का ज्ञापन दिया था। इसके बाद भी इस प्रकरण की संपूर्ण जांच करके इस पर लिए निर्णय पर काॅलोनीवासियों को कोई जवाब नहीं दिया गया।

-आठ महीने से कोई जवाब नहीं

जिला कलेक्टर सिरोही के यहां पर 16 जनवरी को ऋतिका काॅलोनी के भगाराम, रमेश, मोहनलाल आदि फरियादियों ने अपनी व्यथा पंजीकृत करवा दी थी। इसे नगर परिषद को फाॅरवर्ड कर दिया गया था। इस प्रकरण में डीएलबी को भी सूचित किया गया था। सूत्रों के अनुसार इन अधिकारियों को ये कहकर गुमराह किया जा रहा है कि इसकी पत्रावली खो गई है। आठ महीने होने के बाद भी जिला कलेक्टर कार्यालय के द्वारा फरियादियों के प्रार्थना पत्र पर क्या कार्रवाई हुई इसकी जानकारी नहीं पहुंची। यदि वाकई इस प्रकरण की पत्रावली घुम गई है तो जिला कलेक्टर द्वारा नगर परिषद के संबंधित कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का आयुक्त को निर्देश देने का भी कोई पत्र फरियादियों के पास नहीं पहुंचा है।