चंपावत/नैनीताल। चीन के साथ हालत सुधरने के लगभग छह वर्ष बाद उत्तराखंड के रास्ते देश की ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुक्रवार को पुनः आगाज हो गया है।
दिल्ली से आज श्रद्धालुओं का पहला जत्था चंपावत के टनकपुर पहुंचा। दल का पारंपरिक ढंग से भव्य स्वागत किया गया। जैसे ही यात्रियों का दाल पहुंचा टनकपुर का पर्यटक आवास गृह (टीआरसी) शिवमय हो गया। परिसर ‘बम-बम भोले’ के जयघोष से गूंज उठा।
ज़िला प्रशासन और कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) की ओर से श्रद्धालुओं का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया गया।पारंपरिक परिधान में सजी बालिकाओं ने तिलक और आरती के साथ स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई और फूलमालाएं पहनाई गईं। स्वागत समारोह में आध्यात्मिकता और लोकसंस्कृति का सुंदर समागम देखने को मिला।
प्रथम दल में कुल 45 यात्री शामिल हैं, जिनमें 32 पुरुष एवं 13 महिलाएं हैं। इनमें छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, जम्मू एवं कश्मीर, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं पश्चिम बंगाल के श्रद्धालु शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड की धरती से शनिवार को पहले दल को कैलाश के लिए रवाना करेंगे। इस मौके पर श्रद्धालु भी गदगद दिखाई दिए। राजस्थान के 69 वर्षीय राजेश कुमार और तमिलनाडु की 60 वर्षीय श्रीमती लेहरी देवी ने भव्य स्वागत के लिए सरकार और जिला प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया। रात्रि में सभी श्रद्धालुओं के लिए सांस्कृतिक संध्या रखी गई है। उन्हें उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा।
गौरतलब है कि कोविड महामारी के कारण वर्ष 2019 में कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित हो गई थी। गलबांग की घटना के बाद चीन के साथ संबंध खराब होने के चलते यात्रा स्थगित ही रही। अब दोनों देशों के बीच हालात सुधरने के बाद यात्रा शुरू हो पाई।
धामी शनिवार को प्रथम दल को रवाना करेंगे। इस बार खास बात यह है कि अभी तक नैनीताल काठगोदाम के रास्ते संचालित होने वाली यह यात्रा इस वर्ष पहली बार चंपावत के टनकपुर से संचालित हो रही है। यात्री यहां से कल पिथौरागढ़ के धारचूला के लिए रवाना होंगे।
इस अवसर पर प्रबंध निदेशक (केएमवीएन) विनीत तोमर, जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक चम्पावत अजय गणपति, केएमवीएन के महाप्रबंधक विजय नाथ शुक्ल समेत अनेक गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।