अजमेर। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में विश्व फार्मेसी दिवस, एनएसएस दिवस और पं. दीनदयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर वृहद रक्तदान शिविर का सफल आयोजन किया।
यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग, एनएसएस की तीनों इकाइयों, स्वास्थ्य केंद्र एवं राजकीय महिला चिकित्सालय के चिकित्सक डाॅ. वन्दना भुजानिया के नेतृत्व में आयोजित हुआ एवं इसके अंतर्गत् ब्लड बैंक दल ने 78 यूनिट रक्त संग्रह किया।
इस अवसर पर कुलगुरु प्रो सुरेश कुमार अग्रवाल ने विश्वविद्यालय की सामाजिक भूमिका पर बल देते हुए पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद दर्शन को रक्तदान से जोड़ा और कहा कि हमने समाज से लिया ही लिया है। अब समाज को देना भी है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विश्वविद्यालय का कार्य केवल शिक्षण और शोध तक सीमित नहीं है। इसका एक महत्वपूर्ण दायित्व समाज के साथ एक जीवंत संबंध स्थापित करना और सामाजिक सरोकारों में सक्रिय रूप से भाग लेना भी है।
उन्होंने बताया कि उपाध्याय जी ने दशकों पहले यह विचार दिया था कि कोई भी योजना तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक उसका लाभ अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक न पहुंचे। कुलगुरु ने इस दर्शन को रक्तदान के पुनीत कार्य से जोड़ते हुए कहा कि यह एक ऐसा दान है जो सचमुच अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुँचकर उसे जीवन देता है।
कुलगुरू ने विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केन्द्र के सामाजिक सरोकार की सराहना की, जो केवल समाज को वापस देने की भावना से काम करते हैं। उन्होंने इसे छात्रों और समाज के लिए एक महान प्रेरणा स्रोत बताया। शिविर में छात्रों और शिक्षकों की उत्साही भागीदारी रही। विशेष रूप से फार्मेंसी के संयोजक प्रो. अरविंद पारीक ने 47वीं बार रक्तदान कर प्रेरणा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। सभी रक्तदाताओं को कुलगुरु ने प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. राजू शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र न केवल विश्वविद्यालय परिवार अपितु आसपास की बस्तियों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर सेवाएं प्रदान करता रहा है। फार्मेसी दिवस के अवसर पर फार्मेसी विभाग के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई।
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाइयों की संयोजक प्रो. मोनिका भटनागर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। शिविर के सफल आयोजन में विश्वविद्यालय की कुलसचिव एवं वित्त नियंत्रक डॉ. नेहा शर्मा, प्रो. सुभाष चंद्र, प्रो. नरेश धीमान, डॉ. अशोक गुप्ता, वैद्य चंद्रकांत चतुर्वेदी, डॉ. नितिन शर्मा, डॉ. आशीष पारिक, जगदीश कच्छावा, दीपिका रावत, सुंदर कुमार, मनीषा तथा अजय जोशी ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।