बालेश्वर। ओडिशा में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) अदालत के विशेष न्यायाधीश रंजन कुमार सुतार की अदालत ने सोमवार को नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी पाये जाने के बाद 33 वर्षीय व्यक्ति को 20 साल के सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
न्यायाधीश ने आदेश दिया कि जुर्माना राशि का भुगतान न करने पर दोषी को दो साल अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार मरीन थाने के अंतर्गत कसाफल के बागदा गांव के एसके मंताज ने उसी गांव की आठ वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म किया था।
पीड़िता की मां ने घटना की जानकारी मिलने के बाद 28 सितंबर, 2023 को पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई। मां ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया कि आरोपी ने घर के सामने खेल रही उसकी बेटी को चॉकलेट दिलाने का लालच देकर सुनसान जगह पर ले जाकर अपराध किया।
पुलिस ने आईपीसी की धारा 376(3),पाॅक्सो एक्ट और 3(1)(डब्ल्यू), एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) एक्ट समेत कई संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर पॉक्सो की धारा 6 और आईपीसी की धारा 376 (एबी) के तहत मुकदमा चला और उसे दोषी करार दिया गया।
अदालत ने 16 गवाहों और 20 साक्ष्यों की जांच के बाद फैसला सुनाया। विशेष लोक अभियोजक प्रणव पांडा ने बताया कि अदालत ने पीड़ित लड़की को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के माध्यम से चार लाख रुपए का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।