नई दिल्ली। एयर इंडिया की अहमदाबाद विमान दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि उड़ान संख्या 171 के लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ क्षण बाद ऊंचाई खो रहे उस विमान के एक पायलट ने देखा कि कॉकपिट में लगे ईंधन वाले दोनों स्विच बंद है। पायलटों ने स्विच चालू कर दिए थे, लेकिन समय इतना कम था और विमान इतना नीचे गया था कि वह फिर ऊपर उठ नहीं पाया और नीचे एक छात्रावास से टकरा गया।
दुर्घटना के एक माह बाद जारी एजेंसी भारतीय वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएसआईबी) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार कॉकपिट संभाल रहे दोनों पायलटों में एक ने उन क्षणाें में कहा था कि तुमने कट ऑफ क्यों किया, इस पर दूसरे का जवाब था मैंने नहीं किया! इस संवाद के बाद कुछ ही पल में सब कुछ समाप्त हो गया था।
यहां ‘कट ऑफ’ से मतलब विमान के दोनों इंजनों को ईंधन की आपूर्ति करने वाली प्रणाली को चालू और बंद करने के लिए कॉकपिट में लगे दोनों स्विच बंद होने से था। पहले पायलट के प्रश्न के उत्तर में दूसरे का कहना था कि उसने स्विच बंद नहीं किए थे।
एएसबीआई की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार रिपोर्ट के अनुसार पायलटों ने विमान को बचाने का बहादुरी से प्रयास किया। ईंधन कटौती के 10-14 सेकंड के भीतर, उन्होंने दोनों ईंधन स्विच को वापस ‘रन’ की स्थिति में किया। रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि विमान के दोनों इंजनों ने स्वचालित रूप से पुनः आरंभ करना शुरू कर दिया, इंजन 1 में सुधार के संकेत दिखाई दिए और इंजन 2 के फिर से प्रज्वलित होने की प्रकिया होने लगी थी, लेकिन अपर्याप्त समय और कम ऊंचाई के कारण विमान को टक्कर से नहीं बचाया जा सका।
रिपोर्ट का कहना है कि जब विमान विमान के इंजनों ने काम करना बंद किया था उस समय वह केवल 625 फुट ऊपर था और इंजन पुनः आरंभ करने की प्रक्रिया में 29 सेकंड से कहीं अधिक समय लगता था। आज के जेट इंजन उड़ान के दौरान पुनः चालू हो जाते हैं, लेकिन इसमें कई मिनट लग जाते हैं और इसके लिए विमान अधिक ऊंचाई पर होना चाहिए।
अंतरिम जांच रिपोर्ट के अनुसार गत 12 जून को अहमदाबाद से उड़े बाेइंग बी787-8 ड्रीमलाइनर विमान ने पूरी गति और शक्ति से हवाई पट्टी से उड़ान भरी थी, लेकिन कुछ ही क्षण में ही विमान के इंजन दोनों इंजनों को तेल मिलना बंद हो गया था और तेल न मिलने से विमान तेजी से ऊंचाई खोने लगा और एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास भवन से जा टकराया।
रिपोर्ट के अनुसार ईंधन प्रणाली के दोनाें स्विच सेकेंड भर के अंतर में बंद हुए थे। इस दुर्घटना में विमान के यात्री को छोड़ कर चालक दल सहित उसमें बैठे सभी व्यक्तियों और छात्रावास भवन के कुछ लोगों सहित 271 लोगों की मौत हो गई थी। इस रिपोर्ट के आने के तुरंत बाद अमरीका विमान विनिर्माता बोइंग ने एक बयान में कहा कि वह जांच में सहयोग जारी रखेगी।
एएसबीआई की 15 पृष्ठ की इस रिपोर्ट में उड़ान भरने के 90 सेकंड के समय के भयावह घटनाक्रम का विवरण प्रस्तुत है जो उसके ब्लैक बॉक्स के रिकार्ड की जांच से सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक विमान के शुरु में ऊंचाई पकड़ने के बाद दोनों इंजन अप्रत्याशित रूप से बंद हो गए, जिससे विमान को इंजन से मिलने वाला प्रणोदक बल बहुत कम हो गया और विमान तेज़ी से नीचे आने लगा।
ब्यूरो ने कहा है कि डाउनलोड किए गए उड़ान डेटा में लगभग 49 घंटे का उड़ान डेटा और छह उड़ानों की जानकारी शामिल थीं, जिनमें घटना वाली उड़ान भी शामिल थी। प्राप्त ऑडियो दो घंटे लंबा था और उसमें पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई।
विमान के एन्हांस्ड एयरबोर्न फ़्लाइट रिकॉर्डर (ईएआरएफ) के डाटा के विश्लेषण से पता चला कि दोनों इंजनों के ईंधन कटऑफ में लगे स्विच विमान के उड़ने के कुछ ही क्षणों बाद, एक सेकंड के अंतराल पर, अनजाने में ‘रन’ (चालू) से कट-ऑप (बंद मोड) पर चले गए थे। एक पायलट को दूसरे से पूछते हुए सुना गया कि तुमने कटऑफ क्यों किया?’ जिस पर जवाब था, मैंने नहीं किया। पायलटों ने दोनों ईंधन-स्विच चालू कर दिए थे, लेकिन समय नहीं बचा था, विमान की ऊंचाई भी कम थी।
एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 (अहमदाबाद-लंदन) का संचालन प्रथम अधिकारी पीएफ (पायलट फ्लाइट) क्लाइव कुंदर और कॉकपिट से उड़ान का प्रबंधन पायलट मॉनिटरिंग (पीएम) कैप्टन सुमित सभरवाल कर रहे थे। उड़ान के दौरान वरिष्ठ कैप्टन उड़ान की निगरानी और प्रबंधन करता है।
रिपोर्ट में ईंधन स्विच बंद होने से संबंधित कॉकपिट में हुई बातचीत का केवल संक्षिप्त विवरण दिया गया है। इसमें यह नहीं बताया गया है कि अमुक बात किसने की। एएसआईबी के अनुसार एक पायलट को दूसरे से यह पूछते हुए सुना गया कि तुमने कटौती क्यों की। दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि मैंने ऐसा नहीं किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस विमान (वीटी-एएनबी) के रखरखाव का रिकॉर्ड साफ़-सुथरा था और 2023 से इसके ईंधन नियंत्रण स्विच में कोई खराबी दर्ज नहीं की गई थी। बाराबर इसके सभी आवश्यक निरीक्षण किए जा रहे थे, और विमान विविधिवत उड़ान योग्य प्रमाणित था।
इस मामले में हालांकि एक विचारणीय प्रश्न उठ रहा है कि जब अमरीकी संघीय उड्डयन एजेंसी ने 787 मॉडल सहित बोइंग विमानों पर ईंधन नियंत्रण स्विच लॉकिंग तंत्र से जुड़ी संभावित समस्याओं के संबंध में विशेष उड़ान योग्यता सूचना बुलेटिन संख्या एनएच-18-33 वर्ष 2018 में जारी किया था तो उसके संदर्भ में इस विमान को लेकर क्या सावधानी बरती गई।
यह बुलेटिन उन रिपोर्टों के बाद जारी किया गया था जिनमें कहा गया था कि बोइंग 737 विमानों पर ईंधन नियंत्रण स्विच बिना लॉकिंग सुविधाओं के लगाए गए थे। वह बुलेटिन अनिवार्य निर्देश नहीं बल्कि केवल एक परामर्श था। एयरलाइन ने विमान के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को 2019 और 2023 में बदला था, लेकिन यह काम ईंधन स्विच समस्याओं से संबंधित नहीं थे।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एयर इंडिया ने अमरीकी उड्डयन एजेंसी के बुलेटिन को आधार बना कर काई निरीक्षण नहीं किया। एएआईबी प्राथमिक रिपोर्ट में इस बाद को विशेष रूप से लिखा कि यह रिपोर्ट प्रारंभिक है और इसमें परिवर्तन हो सकता है।