उत्पीडन की शिकार कॉलेज छात्रा ने की आत्मदाह की कोशिश, 90 प्रतिशत झुलसी

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने शनिवार को बालासोर स्थित फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय के शैक्षिक अध्ययन विभाग में सहायक प्रोफेसर समीरा कुमार साहू को निलंबित कर दिया जिन पर कॉलेज की एक छात्रा ने मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कॉलेज में आत्मदाह की कोशिश की थी।

कॉलेज की इंटीग्रेटेड बीएड द्वितीय वर्ष की छात्रा ने सौमाश्री बिसी ने उन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्राचार्य के कार्यालय के बाहर शनिवार को ही पेट्रोल डालकर आग लगा लिया था। उसे 90 प्रतिशत जली हुई अवस्था में कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि घटना की गंभीरता को देखते हुए सहायक प्रोफेसर को ओडिशा सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1962 के नियम 12 के उप-नियम (2) के तहत निलंबित किया गया है।

छात्रा के आरोपों के अनुसार विभागाध्यक्ष (एचओडी) उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे क्योंकि उसने अनुचित मांग के बदले उसे पास करने के प्रोफेसर के कथित प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। उसने प्राचार्य और कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति, दोनों को लिखित शिकायत दी थी। इस मामले में जांच की गई, लेकिन उसे कथित तौर पर कोई राहत नहीं मिली।

समिति को लिखे पत्र में, उसने चेतावनी दी थी कि अगर उसकी शिकायत का सात दिनों के भीतर समाधान नहीं किया गया, तो वह एक कठोर कदम उठा लेगी। उसे बचाने की कोशिश कर रही एक सहपाठी भी आग बुझाते समय झुलस गई। दोनों छात्राओं को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।

इस घटना से छात्र समुदाय में आक्रोश फैल गया और उन्होंने आरोपी प्रोफेसर की तत्काल गिरफ्तारी और मामले की निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच की मांग की। उन्होंने सरकार से छात्रा की शिकायत को नज़रअंदाज़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मांग की।

फ़कीर मोहन कॉलेज के प्राचार्य दिलीप घोष ने कहा कि हमने उसकी शिकायत दर्ज कर ली है और आंतरिक समिति के निष्कर्षों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ रिपोर्ट मिल गई हैं, जबकि कुछ का इंतज़ार है।

उन्होंने कहा कि पीड़िता आज मेरे कार्यालय में मुझसे मिली और बताया कि वह गंभीर मानसिक तनाव में है। उसने आरोपी सहायक प्रोफेसर समीर रंजन साहू को तुरंत बुलाने की मांग की। कुछ काउंसलिंग के बाद मैंने उनकी बात मान ली और साहू को बुलाया।

उन्होंने कहा कि उन्होंने छात्रा और प्रोफेसर दोनों को झूठे बयान देने के परिणामों के बारे में आगाह किया था। उन्होंने कहा कि साहू ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन छात्रा अपनी बात पर अड़ी रही। हमारी बातचीत खत्म होने के कुछ ही पल बाद हमें चीखें सुनाई दीं। उसने खुद को आग लगा लिया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि छात्रा ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन के दौरान खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली।

छात्रा ने अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि प्रोफेसर ने उसके समक्ष अनुचित मांगें रखीं और धमकी दी कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वह उसका शैक्षणिक भविष्य बर्बाद कर देंगे। उसने दावा किया कि एक निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी और कॉलेज स्टाफ की सदस्यता वाली जांच समिति गठित होने के बावजूद उसकी शिकायत पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।