राष्ट्रीय शिक्षा नीति से विद्यार्थियों में पैदा होने लगी है अपनी संस्कृति के प्रति जुड़ाव की भावना : धर्मेन्द्र प्रधान

जयपुर। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लागू होने से अब भारत की समृद्ध परम्पराएं और ज्ञान को आधुनिक शिक्षा में शामिल किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों में अपनी संस्कृति पर गर्व और जुड़ाव की भावना पैदा होने लगी है।

प्रधान ने गुरुवार को यहां मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर में लेक्चर हॉल कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन करने के बाद आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने राजस्थान को भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतीक बताते हुए कहा कि अब लक्ष्य यह होना चाहिए कि इसे विकसित, आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार भारत का उदाहरण बनाया जाए। यह तभी संभव है जब मणिपाल जैसे विश्वविद्यालय नवाचार और शोध के केंद्र बनें और इनके छात्र नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें।

उन्होंने मणिपाल विश्वविद्यालय की संभावनाओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि यह संस्थान विचारों का एक जीवंत केंद्र है जो स्थानीय और वैश्विक समस्याओं का समाधान देने में सक्षम है और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के बहुविषयक पाठ्यक्रम और शैक्षणिक श्रेष्ठता की सराहना करते हुए विश्वविद्यालय नेतृत्व से आग्रह किया कि एक समर्पित रिसर्च पार्क स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को और बढ़ावा मिलेगा और विश्वविद्यालय एक अग्रणी शोध संस्थान बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।

प्रधान ने मणिपाल विश्वविद्यालय की तारीफ की कि यह भारत की प्राचीन संस्कृति और विरासत को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ने का अच्छा उदाहरण है। इस अवसर पर मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप के चेयरमैन डा रंजन पाई भी मौजूद थे।