Home Bihar कानपुर ट्रेन हादसों में आईएसआई का हाथ, बिहार से तीन अरेस्ट

कानपुर ट्रेन हादसों में आईएसआई का हाथ, बिहार से तीन अरेस्ट

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कानपुर ट्रेन हादसों में आईएसआई का हाथ, बिहार से तीन अरेस्ट
bihar police claims kanpur train accident was ISI conspiracy
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कानपुर। कानपुर में हुए रेल हादसों में आईएसआई का हाथ होने का खुलासा एटीएस की जांच में हुआ है। टीम ने भारत में आतंकी गतिविधियों में लिप्त तीन सदस्यों को बिहार से गिरफ्तार किया है।

पकड़े गए संदिग्ध आतंकी सदस्यों से सीबीआई, रॉ व अन्य जांच एजेंसियां पूछताछ कर भारत में फैले पूरे नेटवर्क व अन्य सदस्यों की धरपकड़ कर कार्रवाई में जुट गई हैं।

कानपुर में बीते साल नवम्बर माह की 20 तारीख को पुखरायां व दिसम्बर माह की 28 तारीख को रूरा में दो रेल हादसों ने देश को झकझोर कर रख दिया। इसके बाद भी 31 दिसम्बर को मंधना में पटरी काटी गई व नट बोल्ट भी निकले पाए गए।

अभी इन घटनाओं की जांच भी मुकम्बल नहीं हुई थी कि उन्नाव में मालगाड़ी डिरेल हो गई। कानपुर परिक्षेत्र में लगातार हो रहे रेल हादसों व पटरियों से छेड़छाड़ किए जाने की आशंका पर जांच शुरू कर दी गई।

एटीएस को मंगलवार शाम रेल हादसों के पीछे आईएसआई के इशारे पर देश में आतंकी गतिविधियों व रेल हादसों को फैलाने वाले तीन लोगों को बिहार के मोतीहारी से पकड़ने में कामयाबी मिली।

बिहार एटीएस चीफ के मुताबिक पकड़े गए अभियुक्तों से शुरुआती पूछताछ में बृजकिशोर गिरि नाम के व्यक्ति द्वारा इन साजिशों का संचालन किए जाने की जानकारी मिली है।

वहीं पुखरायां में रेल हादसे को अंजाम दिए जाने के पीछे अरूण व दीपक का हाथ सामने आया है लेकिन दोनों के मना किए जाने पर उनकी हत्या नेपाल के जंगलों में ले जाकर कर दी गई है। पकड़े गए साजिशकर्ताओं में उमाशंकर पटेल, मुकेश यादव व मोती पासवान है।

आतंकी साजिशकर्ताओं के पकड़े जाने की जानकारी मिलते ही आईजी एटीएस असीम अरुण ने 6 सदस्यीय टीम मोतिहारी भेजी है ताकि पकड़े गए आतंकियों से कानपुर में हो रहे रेल हादसों की पूरी जानकारी करके अन्य साजिशकर्ताओं के साथ आतंकी नेवटर्क को पकड़ा जा सके।

बताया जा रहा है कि पूर्वी चंपारन के आदापुर बखरी निवासी मोती पासवास ने एक सितंबर को रक्सौल-दरभंगा रेलखंड पर घोड़ासहन स्टेशन के समीप रेल ट्रैक पर इसने अपने तीन साथियों के साथ रात को बम लगाया था।

सुबह तक किसी गाड़ी के नहीं गुजरने के कारण स्थानीय लोगों ने बम देख कर इसकी सूचना पुलिस को दे दी। जिसके बाद यह यहां से भाग गया। फिर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कहने पर 20 नवंबर 2016 को इसने कानपुर से 60 किलोमीटर दूर पोखरैया स्टेशन के समीप पटरी को काट दिया। जिससे पटना-इंदौर ट्रेन डिरेल हो गई।

एसपी ने यह भी बताया कि गिरफ्तार मोती पासवान आईएसआई के लिए काम करता था। इसके संपर्क की पड़ताल की जा रही है। विदित हो कि कानपुर के पोखरैया में हुए रेल दुर्घटना में 142 लोग मारे गए थे।