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10वें जयपुर साहित्य सम्मेलन का भव्य आगाज

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10वें जयपुर साहित्य सम्मेलन का भव्य आगाज
10th jaipur literature festival starts
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जयपुर। जयपुर साहित्य सम्मेलन का गुरुवार को भव्य आगाज हुआ। जयपुर साहित्य महाकुंभ ने इस बार दस साल पूरे कर लिए हैं।

संगीत की शानदार मधुर स्वरलहरियों के साथ शुरू हुए साहित्य सम्मेलन में राजस्थानी संस्कृति और पाश्चात्य शैली का अदभुत संगम देखने को मिला। पांच दिवसीय सम्मेलन में देश-विदेश के ख्यातिनाम लेखक, विचारक, बुद्धिजीवी अपने विचार रखेंगे।

साहित्य सम्मेलन में 176 सत्र होने वाले हैं। इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य भी महाकुंभ में शामिल होंगे।

सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सद्गुरू वासुदेव जग्गी, जाने-माने गीतकार गुलजार और अमरीकन कवियित्री एनी वॉल्डमैन ने किया।

इस मौके पर गुलजार ने अपने जीवन के अनुभव बांटते हुए कहा कि जयपुर शहर और जयपुर के लोग बहुत खुबसूरत है। यहां आकर मन खुश हो जाता है। जब भी मैं बड़ी कुर्सी पर बैठता हूं जब पैर जमीन पर नहीं लगते हैं तो बहुत डर लगता है।

लगता है कि मैं गिरने वाला हूं इसी तरह जब पेन जमीन को नहीं लगता है तो वह स्याही सोखना बंद कर देता है, लिखना बंद कर देता है। ऐसे में लिखने के लिए जरूरी है कि इंसान जमीन से जुड़ा रहे।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि यह फेस्टिवल सबसे के लिए किया जाता है। चाहे छोटा बच्चा हो या बड़ा। इसमें सब सहभागी होते हैं।

जयपुर साहित्य सम्मेलन से जयपुर का नाम जुड़ा हुआ है। इससे दुनियां में जयपुर का नाम है। सम्मेलन में हजारों लोग अलग-अलग स्थानों से आते हैं।