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महाराष्ट्र : राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त बच्चे का अपहरण

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महाराष्ट्र : राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त बच्चे का अपहरण
12 year old National Bravery Award recipient abducted in Maharashtra
12 year old National Bravery Award recipient abducted in Maharashtra
12 year old National Bravery Award recipient abducted in Maharashtra

जलगांव। पुलिस ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त एक बच्चे का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र के 12 वर्षीय नीलेश और उसके छोटे भाई को उसके घर से अगवा कर लिया गया है। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया था।

जांच अधिकारी वंदना सोनवणे ने शनिवार को कहा कि एक विशेष टीम का गठन किया गया है। शहर के और आसपास के इलाकों के सभी पुलिस थानों दोनों बच्चों के बारे में सूचित कर दिया गया हैं।

सोनवणे ने कहा कि हमने मीडिया में जनता को संबोधित अपील प्रकाशित की है, सार्वजनिक स्थानों, बजारों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर दोनों बच्चों की तस्वीरों वाले पोस्टर चिपकाए गए हैं और हमारे पुलिसकर्मी उनकी तलाश कर रहे हैं।

बच्चों के माता-पिता रेवाराम भील और सुंदरबाई शुक्रवार रात पुलिस थाने पहुंचे, और उसके बाद से ही पुलिस में खलबली मच गई है।

सोनवणे ने बताया कि सुंदरबाई आर.भील द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक उनके नाबालिग बच्चे नीलेश और गणपत क्रमश: मंगलवार और गुरुवार से लापता हैं और अज्ञात लोगों ने उनका अपहरण कर लिया है।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को जब उनके माता-पिता मजदूरी कर घर पहुंचे तो उनके तीनों बच्चे घर में खेल रहे थे।

उन्हें बुधवार दोपहर तक पता चला कि उनका बड़ा बेटा और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विजेता नीलेश घर पर नहीं है, जिसके बाद उन्होंने उसे ढूंढ़ना शुरू कर दिया।

सोनवणे ने कहा कि बच्चों के माता-पिता ने सभी रिश्तेदारों और नीलेश के दोस्तों से पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। अगले दिन जब दिन भर नीलेश की खोजबीन कर वे घर लौटे तो उन्होंने देखा कि उनका सात वर्षीय बेटा गणपत भी लापता है।

बच्चों को हर जगह ढूंढ़ने के बाद परेशान माता-पिता ने शुक्रवार को पुलिस से गुहार लगाई।नीलेश भील (12) को पिछले वर्ष जनवरी 2016 में राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा गया था। उसने गांव के एक लड़के को पानी की टंकी में डूबने से बचाया था। अपहरण के पीछे का मकसद अभी स्पष्ट नहीं है।