जोधपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि प्रदेश की वसुंधरा सरकार राज्य में रिफाईनरी को लेकर गंभीर नहीं है। वे इसे पिछले दो साल से टाल रही है, जिसके चलते प्रदेश का राजस्व का बड़ा नुकसान होगा।
इस रिफाईनरी को वर्ष 2017- 18 में पूरा होना है, मगर सरकार रूचि नहीं दिखा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने आरोप लगाया कि प्रदेश में रिफाईनरी का चालू नहीं होना अपने आप सवालिया निशान है।
मगर प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा की मिलीभगत इसमें सामने आ रही है। वे निजी कंपनियों को इसका फायदा पहुंचाने में जुटी है, ऐसा मेरा मानना है। पिछले दो साल से रिफाईनरी का कार्य ढीली गति से चल रहा है, जबकि इसका काम वर्ष 2017- 18 तक पूर्ण होना है।
गहलोत ने कहा कि इस रिफायनरी के शुरू होने से प्रतिवर्ष 90 लाख मैट्रिक टन का उत्पादन होगा, मगर इसके शुरू नहीं होने से राजस्व में करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके शुरू होने से पैट्रोकेमिकल उद्योगोंं के औद्योगिक हब पाईप, टायर, ऐडेसिव ऑटोमोबाइल पार्टस, फोम जैसे संबंधित उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं है, मगर राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इसमे दिलचस्पी नहीं दिखा रही है, जिससे बेरोजगारी को रोजगार का संकट भी बढ़ गया है।
इसके साथ ही देश में विदेशी मुद्रा कोष में बढोत्तरी भी होगी,मगर समय पर इसके शुरू नहीें होने से संभावनाएं खत्म सी हो गई है। उन्होने आरोप लगाया कि दिसम्बर 2013 में प्रदेश की सरकार बदलते ही भाजपा सरकार की मुखिया वसुंधरा राजे राजनैतिक द्वेशवश रिफाइनरी के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रदेशवासियों को गुमराह कर रही है एंव रिफाइनरी स्थापना में विलम्ब कर प्रदेश के हितों पर कुठाराघात कर रही है।
प्राईवेट सेक्टर के साथ मिलाया हाथ: उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि प्राईवेट सेक्टर के निहित स्वार्थो की पूर्ति करने हेतु परदे के पीछे बड़ा खेल खेला जा रहा है। इसमें बड़े स्तर पर लेन-देन की बू आ रही है।
एक तरफ मुख्यमंत्री देश-दुनिया में घूमकर निवेशकों को रिसर्जेन्ट राजस्थान का आयोजन कर राज्य में निवेश करने हेतु आमत्रित कर रही है, वहीं भारत सरकार से आए हुए इतने बड़े निवेश (रिफाइनरी) को लटका रही है।
राज्य सरकार ने सत्ता में आने के 15 माह बाद रिफाइनरी के लिए नया कंसल्टेंट नियुक्त किया, यदि राज्य सरकार नए कंयल्टेंट की नियुक्ति को जरूरी समझती थी तो सरकार बनते ही किया जा सकता था, तो आज रिफाइनरी का काम काफी आगे बढ़ चुका होता।