नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट से मिली छह माह की अंतरिम जमानत के बाद तिहाड़ जेल में बंद जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 21 दिन बाद गुरुवार शाम रिहा कर दिया गया।
कन्हैया कुमार को अंतरिम जमानत मिलने से जेएनयू प्रशासन सहित वहां के शिक्षकों और छात्रों में खुशी है। उसकी रिहाई की कवायद में दोपहर तीन बजे बाद कोर्ट ने उसके बेल बांड को मंजूरी देते हुए उसके रिहाई के आदेश जारी किए। आरोपी कन्हैया पिछले इक्कीस दिनों से राजधानी दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में बंद था।
वकील यह आदेश लेकर तिहाड़ जेल पहुंचे जहां कुछ ही देर बाद कन्हैया को रिहा कर दिया गया। कन्हैया के बाहर आते ही उसके समर्थकों में फिर जश्न शुरू हो गया है। कन्हैया की रिहाई चुपचाप तरीके से की गई।
कन्हैया की ज़मानत को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए, क्योंकि पहले भी उसे कोर्ट में पेश करने के दौरान काफी धक्का-मुक्की हुई थी, जिससे दिल्ली पुलिस की किरकिरी भी हुई थी। कन्हैया कुमार रिहा होने के बाद जेएनयू में छात्रों को संबोधित कर सकता है। इसलिए जेएनयू परिसर में पुलिस बल तैनात किया गया है।
न्यायालय के मुताबिक आरोपी ऐसी किसी गतिविधि में सक्रिय या निष्क्रिय रूप से हिस्सा नहीं लेगा जिसे राष्ट्रविरोधी कहा जाए। उधर कन्हैया की रिहाई के बाद जेएनयू प्रशासन सहित वहां के शिक्षकों और कन्हैया के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
जानकारी हो कि देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गत बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत के लिए शर्तें निर्धारित करते हुए कहा था कि दस हजार रूपए की जमानत राशि और जमानतदार देना होगा और इस शर्त से संतुष्ट करना होगा कि वह अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे।