Home Breaking दिल्ली विधानसभा में दिखाया गया, कैसे होती है ईवीएम हैकिंग

दिल्ली विधानसभा में दिखाया गया, कैसे होती है ईवीएम हैकिंग

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दिल्ली विधानसभा में दिखाया गया, कैसे होती है ईवीएम हैकिंग
aap mla demonstrates EVM hacking in Delhi assembly
aap mla demonstrates EVM hacking in Delhi assembly
aap mla demonstrates EVM hacking in Delhi assembly

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के विधायक व पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को तकनीकी तरीके बताकर दिखाया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ कर कैसे नतीजों में हेरफेर किया जा सकता है।

आप ने पंजाब विधानसभा चुनाव और दिल्ली नगर निगम चुनाव में ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। आप ने विधानसभा के दिनभर के विशेष सत्र में ईवीएम के साथ कई तरह के प्रयोग कर दिखाया कि वोटिंग मशीनों से कैसे छेड़छाड़ की जा सकती है।

पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज अपने साथ ईवीएम का एक मॉडल लाए थे, और उसी पर प्रयोग कर उन्होंने बताया कि किस तरह नतीजों में हेरफेर करने के लिए ईवीएम के अंदर कोड सन्निहित किए जाते हैं।

उन्होंने भाजपा का नाम तो नहीं लिया, लेकिन संकेत दिए कि इन्हीं तरकीबों ने भारतीय जनता पार्टी को चुनावों में लाभ पहुंचाया।

उन्होंने विधानसभा में कहा कि मैं आपको दिखाऊंगा कि जिस मशीन पर लोकतंत्र का विश्वास है, उससे कैसे छेड़छाड़ की जा सकती है। मेरे जैसा एक सामान्य इंजीनियर सिर्फ 10-15 दिनों की मेहनत के बाद जान पाया कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है और ऐसा कर यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि वोट सिर्फ इच्छित पार्टी या उम्मीदवार को जाए। चाहे किसी भी बटन को दबाएं तो एक ही पार्टी को वोट जाए।

सौरभ भारद्वाज जब ईवीएम के मॉडल पर प्रयोग कर छेड़छाड़ के तरीके बता रहे थे, उस दौरान विपक्षी भाजपा सदस्यों ने टोका-टाकी की और व्यवधान डालने का प्रयास किया। इस पर मार्शलों ने विपक्ष के नेता विजेंदर गुप्ता को सदन से बाहर कर दिया। इसके बाद विधानसभा में मात्र एक भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा बचे गए।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ की वजह से ही सिरसा राजौरी गार्डन सीट पर हुआ उपचुनाव जीतकर आए हैं। इस पर सिरसा ने कड़ी आपत्ति जताई। भारद्वाज ने दावा किया कि मॉक टेस्ट के बाद भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हो सकती है।

उन्होंने कहा कि ईवीएम में सन्नहित कोड का इस्तेमाल कर उससे छेड़छाड़ हो सकती है। कोड इस तरीके से सेट किया जाता है कि वोट उसी उम्मीदवार को मिले, जिसके पक्ष में धांधली की गई है। यानी यह मायने नहीं रखता कि आपने कौन सा बटन दबाया है।

उन्होंने कहा कि कुछ ईवीएम में धांधली नहीं की जाती है, ताकि कुछ वोट दूसरों के पक्ष में भी जाए, वरना शक किया जाएगा।