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लिखित आश्वासन पर ही तोडा अनशन

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लिखित आश्वासन पर ही तोडा अनशन
अंशंस्थल पर बात करते जिला कलेकटर वी सरवन कुमार
सिरोही मे जल आन्दोलन मे बैठे अनशनकारी
सिरोही मे जल आन्दोलन मे बैठे अनशनकारी
आमरण अनशन पर बैठे अंकित रावल का अनशन तुड्वाते खुशवंत त्रिवेदी
आमरण अनशन पर बैठे अंकित रावल का अनशन तुड्वाते खुशवंत त्रिवेदी

सिरोही। बिना लिखित आश्वासन के दबंगई से अनशन को विफल करने के तेवर वाले जिला प्रशासन को जल आंदोलन के तहत जनता की मांगों के सामने आगे शनिवार रात करीब पौने नौ बजे लिखित में आश्वासन जारी करना पडा। इसके बाद क्रमिक आमरण अनशन व क्रमिक अनशन पर बैठे शहरवासियों ने अनशन खोला।

शहरवासियों ने अनशन तुडवाकर वाहवाही लूटने का श्रेय राज्यमंत्री, नेता या प्रशासन को नहीं देने का निर्णय किया। इस पर आंदोलन में क्रमिक अनशन पर बैठे खुशवंत त्रिवेदी ने क्रमिक आमरण अनशन पर बैठे अंकित रावल का अनशन तुडवाया।
इस आंदोलन की शुरूआत हिंदुवेव के संयोजक हरीश दवे ने किया, लेकिन शुक्रवार को अनशन के चैथे दिन उनके स्वास्थ्य में गिरावट आने के बाद प्रशासन ने बिना लिखित आश्वासन दिए उनका अनशन तुडवा दिया। इस पर नर्मदा जल सिरोही का कल समिति ने इस अनशन की कमान संभाल ली।

शुक्रवार शाम को ही सदस्य अंकित रावल आमरण अनशन पर बैठ गए। सवेरे उनके साथ खुशवंत त्रिवेदी, मोहनलाल माली, एडवोकेट मानसिंह देवडा, प्रभुसिंह परमार, शैलेश शर्मा, महावीर जैन, जितेन्द्र राजपूत क्रमिक धरने पर बैठे। सुबह ही जिला कलक्टर को अपनी त्वरित मांगों की पूर्ति के लिए लिखित आश्वासन देने के लिए ज्ञापन सौंप दिया।

इधर, शुक्रवार रात को ही अनशन समाप्त होने की खुशी में उल्लासित राजनेताओं के होश भी अनशन के शनिवार को यथावत चलने के समाचार से काफुर हो गए। शाम करीब पांच बजे जिला कलक्टर वी सरवन कुमार अनशन स्थल पर पहुंचे और अनशन को अवैध बताते हुए तुरंत उठने का कहने लगे। इस पर अनशन पर बैठे लोगों ने इसका प्रतिरोध जताते हुए प्रशासनिक नाकामियों को शहरवासियों पर नहीं थोपने की बात कही।

जिला कलक्टर ने सवेरे दिए गए ज्ञापन में की गई मांगों में से जो मांगे उन्होंने पूरी कर दी थी, उनके बारे में बताया। इस पर भी लिखित में कुछ नहीं मिलने पर धरना जारी रहा। इस पर उन्होंने रात करीब पौने नौ बजे प्रेस विज्ञप्ति जारी करके सिरेाही की पेयजल समस्या के निराकरण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। तब खुशवंत त्रिवेदी ने आमरण अनशन पर बैठे अंकित रावल का अनशन तुडवाया।
पानी को लेकर गंभीर है प्रशासन- जिला कलक्टर
जिला कलक्टर वी सरवन कुमार ने समिति की मांगों के बाद अनशन उठाने के लिए शनिवार शाम को प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इसमें बताया गया कि अणगौर बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में निर्मित बांधों के उंचाई की जांच हेतु एक्सईएन पीएचईडी व राजस्व अधिकारियों को जांच हेतु भेजा गया था।

इस निरीक्षण दल की रिपोर्ट पर विचार करने हेतु कलघ्टर वी.सरवन कुमार द्वारा अधिकृत एसडीएम की अध्यक्षता में एक जुलाई को मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें यह निर्णय लिया गया कि क्षेत्र की तथ्यात्मक जानकारी जिसमें तय सीमा से ज्यादा उचाई वाले बांधों की जानकारी पीएचईडी जयपुर के उच्चाधिकारियों का कलक्टर द्वारा हस्ताक्षरित करके भेज दी जायेगी जिससे इस विषय में अपेक्षित कार्यवाही हो सकें।
जिला कलक्टर ने बताया कि सिरोही शहर के अन्दर पिछले एक सप्ताह में जलापूर्ति में काफी सुधार हुआ है। निर्बाधित  जलआपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये पीएचडी द्वारा ग्राम पंचायत पाडीव में एक निजी कंुआ लिया गया है। जेवीएनएल व पीएचईडी के मध्य तालमेल बनाए रखने के लिये स्थानीय राजस्व अधिकारियों को पाबंद कर दिया गया है।

सिरोही शहर नगरपालिका क्षेत्र के अन्दर जलापूर्ति पाईप लाईन काफी सालों से फ्लोराईड व कैल्सियम कार्बोनेट से जाम है इसके लिये विभाग द्वारा भेजे गये प्रस्तावों के अतिरिक्त नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। अवैध कनेक्शन द्वारा पॉवर मोटर का दुरूपयोग करने वालांे के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का निर्देश भी जारी किए गए हैं। जिला कलक्टर ने जलदाय विभाग की किसी भी प्रकार की अनियमिता पर कड़ी नजर रखी जायेगी।

मांगे थी ज्ञापन में
नर्मदा जल सिरोही का कल समिति के अभियान के प्रथम चरण में शनिवार को सदस्यों ने जो ज्ञापन दिया उसमें राजपुरा से सारणेश्वर हाइवे तक बरसाती नालों पर एल एण्ड टी की तरफ से डाले गए मलबे को साफ करके प्रवाह निर्बाध करने की मांग की।

इसके अलावा अणगौर बांध के कैचमेंट एरिया की वाडेली नदी पर न्यायालय के नियमों के विपरीत बने एनीकटों को तुडवाने, शहर में सप्लाई बढाने के लिए अणगौर में अतिरिक्त टयूबवैल खोदने, अणगौर व धाता बांध के डेड स्टोरेज के पानी को काम में लेने के लिए फिल्टर प्लांट की स्थापना, सिरोही शहर की पेयजल पाइपलाइन को नई डिजायन बनवाकर इसे बदलवाने, सार्दुलपुरा में बिलानाम भूमि पर खुदे टयूबवैलों को अधिकृत करके उनका उपयोग शहर की पेयजल के लिए करने, सिरेाही शहर में पेयजल की आवक बढाने के लिए जो भी योजना बन सकती है उन पर काम करने तथा नर्मदा नहर के लिए त्वरित कार्रवाई करवाने की मांग की गई थी। इस पर प्रशासन ने स्थानीय स्तर से होने वाले सभी कार्य शुरू कर दिए हैं।
जनआक्रोश ने किया परेशान
आंदोलन को लेकर जिस तरह से सिरोही का हर वर्ग जुडता जा रहा था, उसे लेकर नेता और प्रशासन दोनों ही परेशान हो गए थे। स्थिति यह थी कि पानी की आम समस्या के लिए पार्टी, जाति, धर्म और लिंग भेद नहीं रहे थे। हर कोई प्रशासन और सत्ता को कोसता नजर आया।

एक बार शुक्रवार शाम को प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अनशन तुडवाने पर लोगों में कुछ निराशा तो फैली, लेकिन जैसे ऐसी स्थिति के लिए दूसरे अनशनकारी के बैठने की सूचना मिली तो फिर से जोश दौड गया। शनिवार सवेरे भी उसी तरह का जोश देखने को मिला जैसा चार दिन से था। इस जनसमर्थन ने प्रशासन को परेशान कर दिया।
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