Home Haryana Ambala रोडवेज कर्मशाला बनी मैदान-ए-जंग, ड्यूटी को लेकर भिड़े कर्मचारी

रोडवेज कर्मशाला बनी मैदान-ए-जंग, ड्यूटी को लेकर भिड़े कर्मचारी

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रोडवेज कर्मशाला बनी मैदान-ए-जंग, ड्यूटी को लेकर भिड़े कर्मचारी
Ambala city roadways Workshop employee clashes over duty schedule
Ambala city roadways Workshop employee clashes over duty schedule
Ambala city roadways Workshop employee clashes over duty schedule

अंबाला। अंबाला शहर स्थित रोडवेज वर्कशॉप मंगलवार को उस समय मैदान-ए-जंग बन गई जब ड्यूटी को लेकर कर्मचारियों के बीच मामला बहस के बाद मारपीट तक जा पहुंचा। बाद में यूनियनें मैदान में कूद पड़ी और इसी के चलते एसकेएस के दफ्तर में भारी तोडफ़ोड़ करके कुछ कर्मियों ने वहां ताले पर ताला लगा दिया।

पूरे विवाद में एसकेएस के प्रदेश संगठन मंत्री इंद्र सिंह बधाना, डीआइ रामचंद्र और ड्यूटी क्लर्क सोमनाथ व रामरतन शर्मा को चोटें आई बताई गई हैं। विवाद के समय कर्मशाला में रोडवेज ड्राइवरों की भर्ती के लिए टेस्ट लिया जा रहा था और जीएम रोडवेज यमुनानगर अश्वनी डोगरा व मुख्यालय से संयुक्त ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सुशील कुमार भी अन्य कर्मियों के साथ वर्कशाप में मौजूद थे।

हालांकि उन्होंने इस विवाद पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया लेकिन विवाद की जड़ में एसकेएस से संबंधित एक परिचालक की ड्यूटी एक सप्ताह में तीन बार बदला जाना है। एसकेएस के प्रदेश संगठन मंत्री का आरोप है कि पूरे विवाद के पीछे वह कर्मचारी नेता हैं जो सरकार बदलने के साथ अपनी निष्ठा बदल लेते हैं और सरकार के साथ हो लेते हैं।

उन्होंने बताया कि उनकी यूनियन से जुड़े सुखदीप नामक कंडक्टर की एक सप्ताह में तीन बार ड्यूटी बदल दी गई जबकि सुविधा शुल्क देने वाले कर्मी 4-4 साल से एक ही रूट पर चल रहे हैं। वह उसी के बारे ड्यूटी क्लर्क सोमनाथ से बात करने गए थे लेकिन उसने छूटते ही न केवल अभद्र व्यवहार करना बल्कि गाली देना शुरू कर दिया जब उसे गाली देने से रोका गया तो उसने मारपीट शुरू कर दी। इस मामले में उनके हाथ की एक उंगली टूट गई।

उन्होंने बताया कि वह सिविल अस्पताल में थे तो उन्हें पता चला कि किसी ने उनकी यूनियन के दफ्तर पर तोडफ़ोड़ कर दी है और सारा सामान उठाकर ले गए हैं तथा दफ्तर के ताले पर ताला लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने साथियों सहित कर्मशाला पहुंचकर दफ्तर का ताला तोड़ कर अंदर का हाल देखा तो वहां भारी तोडफ़ोड़ कर रखी थी, राष्टपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री के चित्रों वाले कैलेंडर तक फाड़े हुए थे।

कर्मशाला में सरकार से संबंधित यूनियन नेताओं ने उन पर एक बार हमला बोल कर उन्हें चोटें पहुंचाई।उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे मारपिटाई करने व दफ्तर में तोडफ़ोड़ करने वालों में राकेश बत्तरा, जसपाल, रमण सैनी, विक्रम राणा व उनके साथी शामिल रहे जिसकी शिकायत पुलिस को दे दी गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो प्रदेश यूनियन निर्णय लेगी।

दूसरी ओर पिटाई का शिकार होने का दावा करने वाले राम रतन शर्मा ने कहा कि एसकेएस नेता इंद्र सिंह बधाना, रमेश श्योकंद व सुखजीत ने आज सुबह ड्यूटी रूम में आकर क्लर्क सोमनाथ व डीआइ राम चंद्र से विवाद करके उनसे हाथापाई की जिसमें सोमनाथ का स्वेटर फट गया और चोटें आई। उसने बताया कि जब वह सोमनाथ को अस्पताल से लेकर वापस आया तो रमेश ने धमकियां देते हुए उसकी पिटाई की जिससे उसे अंदरूनी चोटें आई और स्वेटर फट गया।

रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा के डिपो प्रधान जयवीर सिंह ने बताया कि डीआइ रामचंद्र पर हाथ उठाने से कर्मचारी भडक़ गए थे और उन्होंने एसकेएस नेताओं की गुंडागर्दी को चुनौति दी। उन्होंने बताया कि डीआइ के क्षेत्र के 100 से ज्यादा कर्मचारी वर्कशॉप में मौजूद थे। गलती पर एसकेएस नेता ही थे।

बीएमएस से संबंधित  हरियाणा परिवहन कर्मचारी संघ के प्रधान राकेश बत्तरा ने कहा कि जिस समय यह विवाद हुआ वह कर्मशाला में ही नहीं थे, ऐसे में किसी पर हमला करने अथवा तोडफ़ोड़ करने का सवाल नहीं है। उन्होंने भी एसकेएस नेताओं को गलत बताया।

इंटक सं संबंधित रोडवेज यूनियन के प्रधान अशोक कुमार की माने तो वह कार्यशाला में ही थे कि पता चला कि ड्यूटी रूम में झगड़ा हो रहा है। मौके पर पहुंच कर उन्होंने देखा कि डीआइ, ड्यूटी क्लर्क और एसकेएस नेता मारपीट कर रहे हैं तो उन्होंने पीछे से पकड़ कर उन्हें अलग करवाया। उनकी माने तो यदि वे ऐसा नहीं करते तो निश्चित रूप से विवाद काफी बढ़ सकता था और किसी को भी गंभीर चोट लग सकती थी।

ड्यूटी क्लर्क सोमनाथ की माने तो सरकार के निर्देशानुसार ही कुछ कर्मियों की ड्यूटी बदली गई थी जिनमें सुखजीत भी शामिल है। उन्होंने बताया कि सरकार के आदेश हैं कि कम आय लाने वाले कंडक्टरों का रूट बदल दिया जाए और वहीं उन्होंने किया। यदि उससे कोई शिकायत थी तो जीएम को शिकायत की जा सकती थी लेकिन मारपिटाई करना उचित नहीं।

जीएम रोडवेज कुलधीर सिंह ने बताया कि झगड़े का पता चलने के बाद वह संबंधित सभी पक्षों से उनकी बात सुन रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि बातचीत के माध्यम से ही पूरा विवाद हल हो जाएगा। बिना सभी को सुने किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता।