Home Breaking अब मोदी की मुसीबत बनेंगे अन्ना, दिल्ली में आंदोलन की तैयारी

अब मोदी की मुसीबत बनेंगे अन्ना, दिल्ली में आंदोलन की तैयारी

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अब मोदी की मुसीबत बनेंगे अन्ना, दिल्ली में आंदोलन की तैयारी
Anna Hazare's lokpal stir to return to Delhi, activist slams pm modi for inaction despite 3 years in power
Anna Hazare's lokpal stir to return to Delhi, activist slams pm modi for inaction despite 3 years in power
Anna Hazare’s lokpal stir to return to Delhi, activist slams pm modi for inaction despite 3 years in power

नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बुधवार को कहा कि वह लोकपाल, लोकायुक्तों की नियुक्ति और किसानों के अधिकारों के लिए जल्द ही दिल्ली में फिर से आंदोलन शुरू करेंगे, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार को समाप्त करने के प्रति गंभीर नहीं हैं।

मोदी को लिखे एक पत्र में अन्ना ने कहा कि अगले पत्र में आपको आंदोलन स्थल और तिथि की जानकारी दे दी जाएगी।

दिल्ली में 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के आंदोलन का नेतृत्व कर चुके अन्ना ने कहा कि पिछली केंद्र सरकार ने 2013 में ही लोकपाल विधेयक पारित कर दिया था और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने तब उसका समर्थन किया था। लेकिन तीन साल बाद भी इस कानून को लागू नहीं किया गया, जो मोदी की उदासीनता को जाहिर करता है।

अन्ना ने चार पृष्ठों के एक पत्र में कहा है कि पिछले तीन सालों में मैंने आपको लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति के संबंध में कई पत्र लिखे। लेकिन आपने उन पत्रों का जवाब तक नहीं दिया। इससे स्पष्ट होता है कि आप भ्रष्टाचार समाप्त करने को लेकर गंभीर नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसे लेकर केंद्र सरकार की निंदा की है और पूछा है कि यदि प्रधानमंत्री ही गंभीर नहीं हैं तो देश भ्रष्टाचार मुक्त कैसे होगा।

अन्ना ने पत्र में कहा है कि मजेदार तो यह कि जिन राज्यों में आपकी पार्टी की सरकार है, उन्होंने भी अभी तक लोकायुक्तों की नियुक्ति नहीं की है। इससे स्पष्ट होता है कि आपकी कथनी और करनी में फर्क है। क्या यह उस राष्ट्रपति का अपमान नहीं है, जिसने लोकपाल विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे एक कानून में परिवर्तित किया, क्या यह सर्वोच्च न्यायालय का अपमान नहीं है?

किसानों के मुद्दे पर अन्ना ने कहा कि तमिलनाडु, राजस्थान, तेलंगाना, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में कई सारे किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार गंभीर नहीं है।

उन्होंने मोदी से कहा कि किसानों के प्रति आपकी हमदर्दी नहीं है, यह पिछले तीन सालों में साफ हो चुका है। यह दुखद है कि आप जिस तरह से उद्योगपतियों का ख्याल रख रहे हैं, किसानों का उस तरह से ख्याल नहीं रखते।

अन्ना ने कहा कि एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की जरूरत है, जिसमें खाद्य सुरक्षा और किसानों को अपने उत्पादों का सही मूल्य पाने की बात शामिल है।

सामाजिक कार्यकर्ता ने मांग की कि राजनीतिक दलों को भी सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया जाना चाहिए, सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसका आह्वान किया है। अन्ना ने कहा कि किसानों और देश की बेहतरी के लिए मैंने दिल्ली में आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है।