Home India City News 14 वर्ष में विवाह, 16 वें में बच्चें को जन्म, 17 वें में टूट गई शादी

14 वर्ष में विवाह, 16 वें में बच्चें को जन्म, 17 वें में टूट गई शादी

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14 वर्ष में विवाह, 16 वें में बच्चें को जन्म, 17 वें में टूट गई शादी
anti child marriage campaign
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जयपुर। 14 साल की उम्र में जिज्जा खेडा के परसन के साथ परणा दी गई। अभी दुनियादारी की जानकारी नही थी। ससुराल वालों की तरफ से तरह-तरह की फरमाईश शुरू हो गई।

16 वर्ष की उम्र में मां बन गई। पति चिलम पीने का शौकिन व बेरोजगार था। गर्भधारण के समय से ही मारपीट करने लगा। बच्चें के जन्म के बाद शराब की लत और बढ गई और असहनीय उत्पीडन प्रारम्भ हो गया।

शरीर कमजोर हो गया, यौन हिंसा की शिकार युवती अपने पीहर में ससुराल के दर्दनाक मंझर को बयान करते समय सुबुक उठती है।

लाडली सम्मान अभियान में ग्राम पंचायत भावनी में भ्रमण के दौरान हरिनारायण योगी के घर 18 साल की युवती के बाल विवाह के दुष्परिणाम का वाक्या नजर आया। युवती अब अपने पैरो पर खडा होकर कुछ करना चाहती है लेकिन ससुराल कभी नही जायेगी।


बाल अधिकारिता विभाग, यूनिसेफ एवं पीसीसीआरसीएस के संयुक्त तत्वावधान में चलाया जा रहा इस अभियान में छठे दिन ग्राम पंचायत खरखडा में माता-पिता की मृत्यु से अनाथ इन्द्रप्रकाश रेगर को पालनहार का आवेदन तैयार कर दर्द सांझा करने की कोशिश की।

रा.उ.मा.वि खरखडा में जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के जीवनचक्र पर आधारित सांप-सीढी के लूडो खेल के माध्यम से बालिकाओं को बाल विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी दी गई साथ ही 18 वर्ष के बाद ही विवाह करने की शपथ दिलाई।

सरपंच विमला देवी मीणा के नेतृत्व में  बालिकाओं को  तिलक लगाकर सम्मान कर मेरी शादी अभी नही बाल विवाह कभी नही जैसे नारों के साथ रैली निकालकर बाल विवाह के विरूद्व विरूद्व संदेश दिया।