Home Breaking सेना को दान स्वेच्छा से हो, जबरन नहीं: पर्रिकर

सेना को दान स्वेच्छा से हो, जबरन नहीं: पर्रिकर

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सेना को दान स्वेच्छा से हो, जबरन नहीं: पर्रिकर
army battle casualty fund is voluntary donation says parrikar
army battle casualty fund is voluntary donation says parrikar
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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि सेना को दिया जाने वाले दान स्वेच्छा से होना चाहिए,जबरन नहीं। यह बात उन्होंने राज ठाकरे की पार्टी मनसे द्वारा फिल्म निर्माताओं पर दान देने का दबाव बनाने के संदर्भ में कही। राज ठाकरे के इस मांग की कई लोगों ने आलोचना की है।

गौर हो कि पिछले शनिवार को फिल्म निर्देशक-निर्माता करण जौहर और प्रोड्यूशर गिल्ड के अध्यक्ष मुकेश भट्ट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद राज ठाकरे ने कहा कि जो भी प्रोड्यूसर पाकिस्तानी कलाकारों को अपनी फिल्मों में काम दे रहे हैं उन्हें दंड के तौर पर कुछ पैसा तो देना पड़ेगा। मैं सुझाव देता हूं कि ऐसी हर फिल्म के लिए 5 करोड़ रुपये आर्मी वेलफेयर फंड में जमा कराए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रोड्यूसरों को यह भी कसम लेनी होगी कि वे फिर कभी पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम नहीं करेंगे।

करण जौहर की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को लेकर उस समय विवाद खड़ा हो गया था जब मनसे ने इस फिल्म में पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान को काम देने को लेकर विरोध शुरू कर दिया था। इस फिल्म को तब रिलीज करने की अनुमति दी गई जब फिल्म के निर्माताओं ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे की तीन शर्तो को मान लिया जिसमें सेना कल्याण कोषण में 5 करोड़ रूपये भुगतान करने की बात शामिल है।

हाल में फिल्मकार करण जौहर ने मिलिट्री वेलफेयर फंड को 5 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की। एमएनएस नेता राज ठाकरे ने इसे फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में पाकिस्तानी कलाकारों को काम देने का दंड करार दिया था लेकिन रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक करण जौहर के इस दान को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय अब एक नए नियम पर काम कर रहा है, जिसके तहत मजबूरन दिए गए दान पर रोक लगाना है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह दिया गया दान, इस नेक काम की भावना के खिलाफ है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ सभी योगदान (कल्याण कोष) स्वेच्छा से होना चाहिए। जबरन वसूली की अनुमति नहीं है। हम चाहते हैं कि लोग अपनी खुशी से इसमें योगदान करें न कि किसी तरह के दबाव में।’