Home Sports Cricket ना किसी से पूछ के क्रिकेट शुरू की, न पूछ के संन्यास ले रहा हूं : नेहरा

ना किसी से पूछ के क्रिकेट शुरू की, न पूछ के संन्यास ले रहा हूं : नेहरा

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ना किसी से पूछ के क्रिकेट शुरू की, न पूछ के संन्यास ले रहा हूं : नेहरा
Ashish Nehra: I did not ask for farewell match
Ashish Nehra: I did not ask for farewell match
Ashish Nehra: I did not ask for farewell match

नई दिल्ली। न्यूजीलैंड के खिलाफ बुधवार को अपने करियर का अंतिम मैच खेलने वाले भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में बेबाकी से हर एक सवाल का जबाव दिया और दिल खोल कर बोले।

इस दौरान नेहरा मजाकिया लहजे में दिखे। इस बीच उन्होंने साफ किया कि उन्होंने क्रिकेट खेलना किसी से पूछ कर शुरू नहीं किया था न ही किसी से पूछ कर वह संन्यास ले रहे हैं।

ऐसी खबरें थी कि चयनकर्ताओं ने नेहरा को पहले ही कह दिया था कि यह उनकी आखिरी सीरीज होगी, इसके बाद वह उन्हें टीम में नहीं चुनेंगे।

इस बात का जबाव देते हुए अपने बेबाक अंदाज में नेहरा ने कहा कि मेरी मुख्य चयनकर्ता से कोई बात नहीं हुई। जहां तक टीम प्रबंधन की बात है तो जब हम रांची पहुंचे तो मैंने विराट को यह बात बताई तो उनकी पहली प्रतिक्रिया थी की क्या आप निश्चित हैं? उन्होंने कहा था कि आप आईपीएल में कोच कम प्लेयर के तौर पर खेल सकते हैं, लेकिन मैंने कहा था मेरा समय आ गया है।

उन्होंने कहा कि भाग्य से यह मैच दिल्ली में आ गया। मैंने कभी किसी से फेयरवेल के लिए नहीं कहा था। यह भगवान का एक तरीका है मुझे सम्मानित करने का उसके लिए जो मैंने पिछले 8-10 वर्षो में जो काम किया उसक फल मिल रहा।

मैंने कोहली और मुख्य कोच रवि शास्त्री को बताया था, लेकिन चयनकर्ताओं से मेरी बात नहीं हुई थी। मैंने जब क्रिकेट खेलनी शुरू की थी तो चयनकर्ता से पूछ के शुरू नहीं की थी और अब छोड़ भी रहा हूं तो किसी से पूछ के नहीं छोड़ रहा हूं।

नेहरा ने 1999 में श्रीलंका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उस समय भारत का विश्व क्रिकेट में इतना दबदबा नहीं था जितना आज है। इस बदलाव को लेकर नेहरा ने कहा कि खेल हर आठ-दस साल में बदलता है।

उन्होंने कहा कि क्रिकेट ऐसा खेल है जो हर आठ-दस साल बाद बदलता है। ऐसा नहीं है कि पहले टीम अच्छी नहीं थी। लेकिन हर टीम का एक अपना दौर आता। जब मैंने क्रिकेट शुरू की थी तब 2001 से 2007-08 तक आस्ट्रेलिया ऐसी टीम थी कि उनको हराना काफी मुश्किल होता था। श्रीलंका, वेस्टइंडीज की टीमें भी पहले जैसी नहीं रहीं।

2011 विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे नेहरा ने कहा कि इसमें इंडियन प्रीमियर लीग का बड़ा हाथ है। इससे खिलाड़ियों को आत्मविश्वास मिला है। जो 15 खिलाड़ी टीम में हैं उनके अलावा 15 और ऐसे लड़के हैं जो बहुत ही अच्छे हैं। वो ऐसे हैं कि उन्होंने जब कभी भी खिला लो वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इंडिया-ए के काफी टूर होने लगे हैं जो पहले कम होते थे। इसलिए खेल हर 5-10 साल में बदलता रहता है।

नेहरा न्यूजीलैंड सीरीज शुरू होने से पहले आस्ट्रेलिया सीरीज में एक भी मैच नहीं खेले थे। नेहरा ने इस पर कहा उन्होंने यह फैसला खुद ही लिया था।

नेहरा ने कहा कि एक और बात, कई लोगों ने कहा कि आशीष नेहरा आस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम एकादश में नहीं खेले। जब मैं वहां गया तो मैं अपनी रणनीति बना के गया था। मुझे लगता है कि भुवनेश्वर कुमार अब तैयार हैं। पिछले दो साल से मैं और बुमराह खेल रहे हैं और भुवी अंदर-बाहर होते रहते हैं। इस साल आईपीएल के बाद मुझे अच्छा नहीं लगता की मैं खेलूं और भुवी बाहर बैठे। वो मेरा फैसला था।

नेहरा ने अपने आखिरी मैच में पहला और अंतिम ओवर फेंका। नेहरा ने कहा कि कप्तान कोहली चाहते थे कि वह आखिरी ओवर फेंके। नेहरा ने अपने भविष्य के बारे में कहा कि मैंने अभी इस पर कुछ सोचा नहीं है, लेकिन मुझे क्रिकेट के अलावा कुछ आता नहीं है। कोचिंग या कामेंट्री, अभी बैठ कर इस बारे में सोचूंगा।

सोशल मीडिया पर विराट और नेहरा की एक तस्वीर चाहे जब देखी जा सकती है जिसमें नेहरा, विराट को ट्रॉफी देते हुए दिखाई दे रहे हैं।

इस पर नेहरा ने हंसते हुए कहा कि मैं सोशल मीडिया पर नहीं हूं इसलिए मुझे इस बारे में पता नहीं है, लेकिन वो तस्वीर विराट इस समय जो हैं उसके कारण चर्चा में आ गई है। अगर वही फोटो युजवेंद्र चहल के साथ होती और सिराज के साथ होती तो आप कोई नहीं पूंछता।

नेहरा ने अपने संन्यास पर कहा कि मुझे अभी भी याद है 1997 में मैंने इसी स्टेडियम में अपना पहला मैच हरियाणा के खिलाफ खेला था। इसमें कोई शक नहीं है कि यह भावुक पल है। मैं अपने करियर से संतुष्ट हूं।