Home Rajasthan Pali कुछ लोगों ने राज करना अपना जन्मजात अधिकार समझ लिया : तिवाड़ी

कुछ लोगों ने राज करना अपना जन्मजात अधिकार समझ लिया : तिवाड़ी

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कुछ लोगों ने राज करना अपना जन्मजात अधिकार समझ लिया : तिवाड़ी
bjp leader ghanshyam tiwari pali visit
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पाली। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी सोमवार को पाली के दौरे पर थे। वे पाली के ग्राम भाटुंद में आयोजित श्री परशुराम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में हिस्सा लेने आये थे। तिवाड़ी ने कार्यक्रम से पहले पाली सर्किट हाउस में मीडियाकमिर्यों से बातचीत की।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने यह समझ लिया है कि राज करना उनका जन्मजात अधिकार है और राज में लूट करने की भी उनको छूट है। लोकतंत्र में ऐसी व्यवस्था नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों द्वारा किए वादों और जनआकांक्षाओं को पूरा करना होता है।
मुख्यमंत्रियों को आजीवन मं​त्री का दर्जा देने का विरोध करना ही अखरा

तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में हाल ही में एक बिल पेश किया गया। जिसमें मुख्यमंत्रियों को जन्मजात कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा, जयपुर के सिविल लाइन्स में एक स्थाई मकान, एक आरएएस अफसर, आठ घरेलू कर्मचारी और बीस लाख रूपये वार्षिक सरकारी भत्ता देना शामिल किया गया था। ऐसा कानून हिंदुस्तान में कहीं भी नहीं है। मैंने विधानसभा में खड़े होकर इसका विरोध किया। यह नई जागीरदारी की स्थापना है।

मेरा ऐसा कहना ही इन्हें अखर गया और दिल्ली में शिकायत कर दी कि हम पार्टी के विरोध में काम करते हैं। नोटिस मिलने के सवाल पर सांगानेर विधायक ने कहा कि अभी तक मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है, अभी तो महज अखबार में ही छपा है। नोटिस देने वालों से जब मैंने पूछा तो उन्होंने मुझे कहा कि जब आपको नोटिस मिल जाये तब मानना की आपको नोटिस भेजा है।
किसी भी ​तरह की जागीरदारी प्रथा को इस लोकतंत्र में नहीं चलने दूंगा

तिवाड़ी ने मीडिया को बताया कि राजस्थान की विधानसभा ने देश में सबसे पहले जागीरदारी उन्मूलन का कार्य कर भूमि सुधार कानून लागू किया था। उसी विधानसभा में पुन: एक नई जागीरदारी प्रथा की शुरूआत होना अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी प्रकार की नई जागीरदारी का प्रारंभ इस लोकतंत्र में नहीं होने देना चाहता यही मेरा प्रयत्न है।

परनामी से पहले दीनदयाल वाहनी राजनीति व सामाजिक कार्यों में सक्रिय

तिवाड़ी ने परनामी के व्यवसाय सं​बंधित टिप्पणी वाले सवाल पर कहा कि मैंने किसी के व्यवसाय को लेकर टिप्पणी नहीं की। मैंने कहा था कि अशोक परनामी जब राजनीति का क ख ग भी नहीं जानते थे, उससे भी पहले दीनदयाल स्मृति संस्थान और दीनदयाल वाहिनी की स्थापना की जा चुकी थी। इसलिए परनामी को इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।

कुछ लोग भाजपा पर कब्जा करके बैठे हैं

नयी पार्टी बनाने के सवाल पर घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि भाजपा मेरी पार्टी है। नयी पार्टी वे लोग बनाएं जिनका भाजपा से कोई संबंध नहीं है और इस पर कब्जा करके बैठे हैं। तिवाड़ी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि अधिकत्तर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मेरे साथ हैं और जिनके मन में सत्ता का डर बैठा है वे भी अप्रत्यक्षरूप से मेरे साथ हैं।

वंचितों को आरक्षण का विरोध करने वाली पार्टी का विरोध करे समाज

श्री परशुराम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को संबोधित करते हुए तिवाड़ी ने वंचित आरक्षण की बात कही। उन्होंने कहा कि विधानसभा में हमने सामाजिक समरसता के लिये आरक्षण की लड़ाई लड़ी थी। प्राइवेट मेंबर के ​तौर पर मैंने आरक्षण का यह बिल सदन में पेश किया था। यह ​बिल सदन में पास होने व राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के बावजूद अधिसूचना जारी नहीं की गई।

तिवाड़ी ने मांग की है कि अधिसूचना जल्दी से जल्दी जारी की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने समाज से भी आग्रह किया कि ज्ञापन के साथ ही इसके लिए समाज को इस आरक्षण का विरोध करने वाली पार्टियों का भी विरोध करना चाहिए।

समता आंदोलन समिति ने पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ ज्ञापन दिया

समता आंदोलन समिति के पदाधिकारियों ने पदोन्नति में आरक्षण असवैंधानिक, असमतावादी, पिछड़ा विरोधी होने के साथ ही देश को जातिगत संघर्ष की ओर ले जाने वाला है। इसका विरोध करने के लिए समता आंदोलन के प्रांतिय सचिव दयाशंकर ​मिश्रा एवं प्रांतिय कार्यकारिणी सदस्य व पदेन जिला सचिव सुर्यप्रकाश व्यास ने तिवाड़ी जी को ज्ञापन सौंपा।