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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का दावा, सरकार ने तीन साल में 72 फीसदी घोषणाएं पूरी की

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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का दावा, सरकार ने तीन साल में 72 फीसदी घोषणाएं पूरी की
bjp prepare for celebration of raje government to complete three years in office
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जयपुर। राजस्थान में भाजपा सरकार की 13 दिसम्बर को तीसरी वर्षगांठ है। सरकार जिला स्तर पर तीन साल पूरे होने पर जश्न मनाने की तैयारी में जुटी है।

जश्न की शुरूआत बीकानेर से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे करेंगी। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने सरकार की तीन साल पूरे होने पर खुशी जाहिर की है। भाजपा मुख्यालय पर सोमवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेशाध्यक्ष परनामी ने सरकार की दर्जनों उपलब्धियां गिनाई।

उन्होंने दावा किया कि चुनावी घोषणा पत्र (सुराज संकल्प पत्र) किए गए वादों में से सरकार ने 72 फीसदी घोषणाएं पूरी कर दी है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कुशल नेतृत्व में हम बाकी घोषणाओं को भी शीघ्र पूरा करेंगे।

सरकार गरीब और जनकल्याण को समर्पित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती वर्ष में सर्वस्पर्शी, समावेशी विकास का संकल्प दोहरा रही है। प्रदेशाध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि राजस्थान प्रतिदिन विकसित हो रहा है।

यह ऐसा प्रदेश है जिसमें प्रतिदिन 748 आवासों का निर्माण होता है, प्रतिदिन 12 करोड़ 34 लाख रुपये पेयजल परियोजनाओं पर व्यय होता है, 112 हैक्टेयर खालों का निर्माण होता है। 2660 फसल मिनिकिट्स का निर्माण होता है, कौशल विकास कार्यक्रम एवं आईटीआईएस के माध्यम से प्रतिदिन 282 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है।

950 युवाओं को प्रतिदिन रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं। मुद्रा योजना के अन्तर्गत प्रतिदिन 2928 युवा लाभान्वित हुए हैं। 14 करोड़ 25 लाख रुपये का प्रतिदिन ऋण वितरण मुद्रा योजना के अन्तर्गत किया गया।

14 किलोमीटर नवीन सडकों का प्रतिदिन निर्माण हुआ। सड़कों के निर्माण पर प्रतिदिन चार करोड़ 30 लाख रुपये खर्च व्यय होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 4390 व्यक्तिगत शौचालयों का प्रतिदिन निर्माण हुआ। प्रतिदिन चार मेगावाट विद्युत मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता जोडी गयी। 1565 घरेलू बिजली कनेक्शन प्रतिदिन उपलब्ध कराए गए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में जहां प्रदेश बीमारू राज्यों की श्रेणी में आकर खड़ा हो गया था। वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कुशल वित्तिय प्रबंधन की बदौलत राज्य विकसित राज्यों में शामिल हो गया है। कई क्षेत्रों में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है।

कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी राज्य को मिले चुके हैं। उन्होंने कहा कि सीधा लाभ हस्तान्तरण की शुरूआत करने वाला राजस्थान देश को प्रथम राज्य है। सौर ऊर्जा उत्पादन में, सम्पूर्ण राज्य में एलईडी आधारित ऊर्जा दक्ष स्ट्रीट लाईट लगवाने, पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना का क्रियान्वयन में और 61 मुख्य अधिनियम एवं 187 संशोधन अधिनियमों को विलोपित करने में भी राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर है।

राज्य में भामाशाह योजना से 1 करोड 30 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित हुए हैं। प्रदेश के 21 हजार गावों को जल की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने हेतु मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान को देश ही नहीं विदेशों ने भी सराहा है। राज्य के 11 जिलों को जैविक खेती के लिए विशेष योजना में रखा गया है।

ग्लोबल राजस्थान एग्रीकेट मीट के तहत 58 हजार किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने गेहूं उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य को वर्ष 2014-15 के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किया गया। देश को डिजिटल सूपर पावर बनाने कि दिशा में किए गए डिजिटल नवाचार के लिए भी राज्य को पुरस्कृत किया गया है।

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस का स्वर्ण पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने विरोधियों और विशेषकर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जनता के सामने काम की तुलना होनी चाहिए। हम सरकार की उपलब्धियां जनता के सामने रख रहें हैं ताकि जनता खुद फैसला करें की कौन सी सरकार ने अच्छा काम किया है।

कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति का हमने सकारात्मक विकास से जवाब दिया है। प्रदेशाध्यक्ष परनामी ने यह भी दावा किया है कि राज्य में ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 4752.12 मेगावाट की बढोतरी हुई है। जबकि गत सरकार के कार्यकाल में 2957.20 मेगावाट क्षमता की बढ़ोतरी हुई थी।

सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता वर्तमान में 1297.70 मेगावाट है। इस क्षेत्र में भी हम देश में पहले स्थान पर है। इसमें भी 1070 मेगावाट बढोतरी हुई। तीन वर्षों में 19 हजार 442 कृषि कनेक्शन दिए जबकि पूर्ववर्ती सरकार 2 हजार 995 कृषि कनेक्शन ही दिए गए।

किसानों को 18 हजार 638 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने 1594 करोड़ का ही अनुदान दिया था। उन्होंने पेयजल, सड़क, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज, जनजाति क्षेत्रीय विकास, पर्यटन, कृषि विभाग, सहकारिता, चिकित्सा और शिक्षा जैसे महत्वपू र्ण क्षेत्रों में सरकार की पूर्ववर्ती सरकार से कई आगे हैं।