Home Breaking लोढा गुट की गैरमौजूदगी में यह हुआ कांग्रेस की बैठक में

लोढा गुट की गैरमौजूदगी में यह हुआ कांग्रेस की बैठक में

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लोढा गुट की गैरमौजूदगी में यह हुआ कांग्रेस की बैठक में
congressman in sirohi block congress meeting
congressman in sirohi block congress meeting
congressman in sirohi block congress meeting

सबगुरु न्यूज-सिरोही। डाक बंगले में जिला प्रभारी व सहप्रभारी की मौजूदगी में शनिवार को सिरोही ब्लाॅक कांग्रेस की बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस के नेता जिलाध्यक्ष पद के लिए अपनी लामबंदी करते दिखे। वहीं बैठक संयम लोढा का गुट गैरमौजूद था। लोढा गुट के एक पदाधिकारी का कहना है कि उन्हें बैठक के संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई।

बैठक में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह रावत, सहप्रभारी करणसिंह उनियाच व सचिव खेतसिंह मेडतिया के साथ प्रदेश महासचिव नीरज डांगी भी मौजूद थे।
-इशारों में यह संदेश दे दिया सहप्रभारी ने
बैठक के दौरान पहले सबसे पहले मालाएं लादी गई। इसके बाद सिर्फ सहप्रभारी करणसिंह उनियाच ही बोले। उन्होंने डाक बंगले में बैठे लोगों में एक नजर घुमाई और जोर देते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति पार्टी से बडा नहीं है। जो उपस्थित हैं उनका स्वागत और जो किसी कार्य या व्यस्तता के कारण नहीं आ पाया है उसका भी अभिनन्दन।

यह शब्द बोलते ही बैठक में इस बात को लेकर लोढा विरोध गुट के लोगों में चर्चा हो गई कि उन्होंने संयम लोढा की ओर इशारा कर दिया है। यह छह-सात वाक्य बोलने के बाद उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को बंद कमरे में उनकी समस्या बताने के लिए बुलवाते हुए, बैठक का विसर्जन कर दिया।

followers of congress leader writing letter for his deputation on post of district president
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-यहां विरोध से ज्यादा लामबंदी
बैठक में संयम लोढा और उनके गुट की गैर मौजूदगी ने उनके विरोधी गुटों के लिए भी आॅक्सीजन का काम किया। सभी ने बिना हिचक जिलाध्यक्ष पद के लिए अपनी लामबंदी भी की। कुछ लोग अपने समर्थकों के साथ पत्र लिखवाकर भी जिलाध्यक्ष के लिए स्वयं को सबसे उचित उम्मीदवार बताया। बैठक में नीरज डांगी के अलावा गुमानंिसह देवडा, राजेन्द्र सांखला, पुखराज गहलोत, अनाराम बोराणा, भूपत देसाई, मोहन सीरवी, संध्या चैधरी, अचलसिंह बालिया आदि मौजूद थे।

local congress leaders welcoming chandansingh devra in sirohi dak bunglow
local congress leaders welcoming chandansingh devra in sirohi dak bunglow

-बाद में पहुंची जिलाध्यक्ष
जिलाध्यक्ष गंगाबेन गरासिया यहां पर बाद में पहुंची। स्वागत अभिनन्दन करने और सहप्रभारी के अल्प भाषण के दौरान वे पहुंची। इधर, बाद में पूर्व जिला प्रमुख चंदनसिंह देवडा भी पहुंच गए। उनका सभी लोग अभिनन्दन करते हुए भी नजर आए।
-गत अनुभव रहा कडवा
इसी डाक बंगले में जिला प्रभारी की मौजूदगी में हुई पिछली बैठक में उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा। उस बैठक में ही कथित रूप से लोढा गुट के लोगों ने जिला परिषद सदस्य पुखराज गहलोत के साथ मारपीट की थी। इसके बाद लोढा गुट के पांच जनों के निष्कासन का आदेश भी दिया गया था, लेकिन लोढा गुट इस निष्कासन को अवैध मानता है।

यही कारण रहा कि गत महीने 13 अगस्त को सचिन पायलट के आहवान पर गोयात्रा निकाली गई थी उस दौरान करणसिंह उनियाच को इन्हीं निष्कासित कांग्रेेसियों के साथ मंच साझा किया था। अपितु मंच संचालन में निष्कासित शिवगंज ब्लाॅक अध्यक्ष जीवाराम आर्य ने किया था।
-क्या वाकई बना पाएंगे भाजपा को घेरने की योजना
करणसिंह उनियाच ने अपने अल्प भाषण में कहा कि वह कार्यकर्ताओं से बंद कमरे में मिलेंगे। कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को जिले में भाजपा के कुसाशन के लिए चलाए जा सकने वाले अभियान व आंदोलनों की रूपरेखा बतानी होगी। सिरोही का पिछले ढाई साल के राजनीतिक आंदोलनों को देखें तो इनमें रेवदर में नीरज डांगी की ओर से आयोजित एक रैली को छोड दिया जाए तो भाजपा को घेरने का काम संयम लोढा के अलावा किसी कांग्रेसी ने नहीं किया।

जिला चिकित्सालय की पीआईएल, विधानसभा में सरकारी विभागों की अनियमिताओं के खिलाफ सवाल उठवाने, तिरंगा यात्रा में तिरंगे के अपमान पर एफआईआर की सक्रियता, यहां तक कि जिले में मुख्यमंत्री के आपका जिला आपकी सरकार अभियान के तहत सिरोही आगमन पर, उससे पूर्व व उसके बाद बत्तीसा नाला और भाजपा को जिला कार्यालय के लिए बेशकीमती जमीन के आवंटन की प्रक्रिया पर भी संयम लोढा के अलावा किसी कांग्रेसी की सक्रियता नहीं दिखी।

हद तो यह है कि इन लोगों ने लोढा के उठाए मुद्दों पर बाद में भी प्रेसनोट जारी करके भाजपा को घेरने के लिए औपचारिकता तक नहीं की। ऐसे में वाकई बंद कमरे से इस तरह के विचार सामने आए होंगे जिससे आने वाले समय में कांग्रेस के शेष लोगों का गुट जिले में भाजपा के कुशासन को हाशिये पर खडा कर पाएगा।

प्रभारियों को मिले ऐसे विचारों पर कांग्रेस के भावी आंदोलनों का जिले को इंतजार रहेगा। ऐसा होता है कांग्रेस के लिए वाकई यह संजीवनी और भाजपा के लिए नई मुसीबत होगा। सिरोही के आम लोग और प्रतिद्वंद्वियों के संयम लोढा की गैरमौजूूदगी में सक्रिय कांग्रेस की परिकल्पना साकार होती देख सकेंगे।