Home Bihar डॉन से सांसद बने शहाबुद्दीन की रिहाई से सीवान में जश्न के साथ दहशत

डॉन से सांसद बने शहाबुद्दीन की रिहाई से सीवान में जश्न के साथ दहशत

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डॉन से सांसद बने शहाबुद्दीन की रिहाई से सीवान में जश्न के साथ दहशत
celebration break out in Mohammad Shahabuddin's village post his release
 Mohammad Shahabuddin
celebration break out in Mohammad Shahabuddin’s village post his release

सीवान। बिहार में आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की शनिवार सुबह भागलपुर जेल से रिहाई के बाद जहां एक तरफ उनके समर्थकों द्वारा जश्न मनाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर रोष भी देखने को मिला। डॉन से सांसद बने शहाबुद्दीन की अगवानी करने के लिए उनके हजारों समर्थक जेल के बाहर जुटे थे।

शहाबुद्दीन पर गिरीश राज और सतीश राज नाम के दो भाइयों की हत्या का आरोप था जिसमें उन्हें दस साल की जेल की सजा हुई थी। उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में अपनी जमानत की याचिका दायर की थी जहां से उन्हें जमानत मिल गई।

उल्लेखनीय है कि भागलपुर जेल से रिहा होने के बाद पूर्व सांसद सीवान के लिए निकले। उनके साथ समर्थकों और पहरेदारों का लंबा काफिला था जिसकी वजह से जाम भी लगा और उनकी गाड़ी को भी कई जगह रोका गया।

सीवान प्रशासन ने बातचीत में बताया कि उन्हें सीवान पहुंचने में देर हो सकती है। उनके समर्थकों ने प्रतापपुर व आसपास के इलाकों में आतिशबाजी और कई राउंड हवाई फायरिंग कर के खुशी का इजहार किया।

पूर्व सांसद के रिहा होने के बाद पूरे सीवान में समर्थकों ने जश्न की तैयारी की है। उनके दोनों भाई शेख गयासुद्दीन और शेख समसुद्दीन स्वागत की तैयारी में मशरूफ थे। इससे इतर उनके सताए लोगों के घर में भय का माहौल बना हुआ है।

सिवान स्टेशन रोड पर पत्नी और दिव्यांग पुत्र के साथ रह रहे चंद्रशेखर प्रसाद ने बातचीत के दौरान कहा कि न्यायतंत्र से उनका विश्वास उठ गया और उन्हें नहीं लगता कि उन्हें कभी न्याय मिलेगा। ज्ञात हो कि प्रसाद के तीन बेटों को पूर्व सांसद के इशारे पर मार दिया गया था।

जेल से रिहा होने के बाद शहाबुद्दीन ने कहा कि वे वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन के परिजनों से भी मिलने जाएंगे। हालाँकि राजदेव के पिता राधे महतो ने कहा कि सीवान में हर कोई जानता है कि मेरे पुत्र की हत्या किसने की है। घर आने पर मैं शहाबुददीन का स्वागत करूंगा और उनसे इस मामले में न्याय दिलाने की उम्मीद भी करूंगा।

जेल से बाहर आते ही शहाबुद्दीन ने बातचीत के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश परिस्थितियों की वजह से मुख्यमंत्री बनें हैं। उन्होने यह भी कहा कि वह नीतीश को अपना नेता नहीं मानते, उनके नेता केवल लालू प्रसाद यादव हैं।

आरजेडी के पूर्व सांसद की ग्यारह साल बाद जमानत मिलना एक संयोग माना जा रहा है। वरिष्ठ भाजपा नेता, सुशील कुमार मोदी ने उनकी रिहाई को रुलिंग पार्टी की साजिश का हिस्सा बताया है।

इस पर बात करते हुए उन्होंने सरकार से यह सवाल किया है कि अपराध नियंत्रण अधिनियम को शहाबुद्दीन पर क्यों नहीं लागू किया गया जबकि मोकामा डॉन अनंत सिंह की जमानत को खारिज करते हुए उन्हें जेल में ही रखा।

अब आनंदमोहन की रिहाई की मांग

सहरसा। पूर्व विधायक सह भाजपा नेता किशोर कुमार मुन्ना ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से रिहा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन दर्जनों हत्याकांड के अभियुक्त रहने के बावजूद जेल से रिहा हो सकते हैं तो आनंद मोहन को क्यों नहीं।

उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को हाईकोर्ट से जमानत मिलना सत्ता के इशारे झलकती है तथा पुलिस और सरकारी वकील की शिथिलता का परिणाम भी है। पूर्व सांसद आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्नैया हत्याकांड में गत 11 वर्षों से जेल में बंद है। जबकि उनकी हत्या आनंद मोहन ने नहीं की थी। बल्कि वे उग्र भीड़ के शिकार हो गए थे।

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