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रिश्वत वाले बयान पर फंसे पर्रिकर, चुनाव आयोग ने मांगा जवाब

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रिश्वत वाले बयान पर फंसे पर्रिकर, चुनाव आयोग ने मांगा जवाब
bribery remark : EC notice to manohar parrikar, seeks reply by february 9
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नई दिल्ली। गोवा में चुनाव प्रचार के दौरान रिश्वत वाले बयान पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की मुश्किल बढ़ती जा रही है। चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजकर 9 फरवरी तक जवाब मांगा है। आयोग ने इस बयान से सम्बन्धित क्लिपिंग की सीडी भी देखी है जिसे सही पाया गया है।

पर्रिकर पर गोवा में चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों से रुपए लेने के लिए प्रोत्साहित किए जाने का आरोप लगा है। पर्रिकर ने पैसे लेकर रैलियों में जाने को ठीक ठहराते हुए भाजपा को वोट देने की बात कही थी।

चुनाव आयोग की ओर से ये नोटिस तब जारी किया गया जब एक राजनीतिक पार्टी ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई और आम आदमी पार्टी ने कार्रवाई की मांग की।

रविवार को पर्रिकर ने पणजी के पास चिंबेल झुग्गी बस्ती में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं समझता हूं कि अगर कोई जुलूस आयोजित करता है और उम्मीदवार के पीछे-पीछे घूमने के लिए आप 500 रुपए लेते हैं, तो इसमें कोई समस्या नहीं है लेकिन वोट देते समय आप कमल (भाजपा का चुनाव चिन्ह) को ही चुनें।

इससे पहले पिछले महीने इसी तरह का भाषण देने के लिए केजरीवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। केजरीवाल ने भाषण के दौरान मतदाताओं से कहा था कि प्रतिद्वंद्वी पार्टियों से रुपये ले लें, लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को ही दें।

पर्रिकर के उपरोक्त बयान वाले मामले की जांच कर रहे चुनाव आयोग ने मामले की सीडी को देखने के बाद कहा है कि सीडी के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है।

इससे पूर्व चुनाव आयोग ने गोवा फारवर्ड पार्टी और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की शिकायत पर दो फरवरी को पर्रिकर को नोटिस जारी करके इस मामले में जवाब मांगा था।

गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने अपनी शिकायत के साथ वीडियो क्लिप भी चुनाव आयोग को सौंपा है। इस क्लिप में मंत्री लोगों से कहते नजर आ रहे हैं कि अगर आपको कोई घूस दे तो उसे ले लीजिए लेकिन वोट भाजपा को दीजिए।

आयोग का मानना है कि पर्रिकर ने मतदाताओं को रिश्वत लेने के लिए जानबूझकर सार्वजनिक रूप से उकसाया और चुनावी प्रक्रिया के दौरान अपराध बढ़ा।