Home India City News बरसात में मुंबईकरों को डूबने से कोई नहीं बचा सकता, 40 प्रतिशत हुई है नाला सफाई

बरसात में मुंबईकरों को डूबने से कोई नहीं बचा सकता, 40 प्रतिशत हुई है नाला सफाई

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बरसात में मुंबईकरों को डूबने से कोई नहीं बचा सकता, 40 प्रतिशत हुई है नाला सफाई
Brihanmumbai Municipal Corporation claims that 40 percent drain clean oven monsoon

Brihanmumbai Municipal Corporation claims that 40 percent drain clean oven monsoon

Brihanmumbai Municipal Corporation claims that 40 percent drain clean oven monsoon

मुंबई। मनपा प्रशासन ने दावा किया है कि शहर व उपनगर में 40 प्रतिशत नाला सफाई हुई है। मुंबई शहर व उपनगरों में नाला सफाई की धीमी गति को लेकर स्थायी समिति अध्यक्ष यशोधर फणसे, सभागृह नेता तृष्णा विश्वासराव ने नाराजगी जाहिर की है तो कांग्रेस के गुट नेता प्रवीण छेडा ने मनपा प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है नाला सफाई कछुए की रफ्तार से हो रही है। इन नेताओं का मानना है कि बरसात में मुंबई व मुंबईकरों को डूबने से कोई नहीं बचा सकता है।

मनपा महापौर स्नेहल आंबेरकर ने मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर मांग की है कि नाला सफाई में यदि कोई ठेकेदार इस वर्ष लापरवाही बरतता है और मुंबई डूबती है तो उस ठेकेदार पर कडी से कडी कार्रवाई की जानी चाहिए।

गौरतलब है कि जून माह के प्रथम सप्ताह में ही मुंबई में मानसून का आगमन हो जाता है। इस वर्ष मानसून के आगमन में मात्र पंद्रह दिन ही शेष हैं और नाला सफाई की बति वेहद ही धीमी है। मनपा के अनेक नगरसेवकों का कहना है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मुंबई व मुंबईकरों को डूबने से कोई नहीं बचा सकता है।

उल्लेखनीय है कि मनपा प्रशासन ने स्थाई समिति की बैठक में दावा किया है कि मुंबई शहर व उपनगरों में बडे नालों की सफाई 40 प्रतिशत हो चुकी है। हालांकि मनपा प्रशासन के दावे से जहां सत्ता पक्ष नाखुश है, वहीं विपक्षी दलों के नगरसेवकों ने आरोप लगाया है कि जिस तरह से नाले की सफाई हो रही है, उससे मुंबई निश्चित रूप से डूबेगी।

बरसात में मुंबईकरों को डूबने से कोई नहीं बचा सकता है। यहां बता दें कि पिछले वर्ष दो वर्ष के लिए नाला सफाई का जो ठेका दिया गया था, उसे मनपा प्रशासन ने घोटाले के कारण रदद कर दिया है। पिछले वर्ष नाला सफाई तो हुई नहीं और रुपए-पैसों का बंदरबांट हो गया और पहली ही बरसात में मुंबई डूब गई।

नाला सफाई को लेकर मनपा मेें घोटाला होने की आवाज गूंजनी शुरू हो गई, तब मामले की जांच करवाई गई और घोटाला होने की बात सामने आई। बताया जाता है कि मनपा ने दो वर्ष के लिए 192 करोड का ठेका नाला सफाई के लिए दिया था, पर एक ही साल में मनपा के भ्रष्ट अधिकारियों ने ठेकेदारों से सांठगांठ करके नाला सफाई घोटाले को अंजाम दिया।

नाला सफाई घोटाले के मामले में मनपा प्रशासन ने कडा कदम उठाते हुए ठेकेदारों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया और अनेक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की। ठेकेदार अपने उपर होने वाली कार्रवाई को लेकर बांबे हाईकोर्ट की शरण में चले गए। मनपा विधि विभाग की लापरवाही से ठेकेदारों को स्थगनादेश मिल गया और मनपा प्रशासन की जमकर छीछालेदर हुई।

इससे मनपा प्रशासन ने पिछले करारनामे को पलटकर इस वर्ष नया करारनामा किया। इस करारनामें में बडे नालों को साफ करने का ठेका दिया गया और छोटे नालों को साफ करने की जिम्मेदारी मनपा के विभागीय कार्यालयों पर डाली गई। नाला सफाई करने का कार्य जिस गति से होना चाहिए, उस गति से नहीं हो पा रहा है।

मनपा आयुक्त अजोय मेहता ने मंगलवार को पूर्व उपनगर के रफीकनगर नाला, नेहरूनगर नाला, कामराज नगर नाला, कारशेड नाला, मेगासिटी नाला, पंजाबवाडी नाला, मानखुर्द लिंक रोड नाला आदि का जायजा लिया। नाला सफाई के कार्यों पर नाराजगी जताई और समय पर कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया।