Home Headlines वीरभद्र के निवासों पर छापों से प्रदेश हुआ कलंकित : एचपीसीए

वीरभद्र के निवासों पर छापों से प्रदेश हुआ कलंकित : एचपीसीए

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वीरभद्र के निवासों पर छापों से प्रदेश हुआ कलंकित : एचपीसीए
CBI raid on residences of Chief minister virbhadra singh
CBI raid on residences of Chief minister virbhadra singh
CBI raid on residences of Chief minister virbhadra singh

धर्मशाला।एचपीसीए प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के घर सीबीआई के छापों से प्रदेश कलंकित हुआ है।

उन्होंने कहा कि रजवाड़ाशाही से कार्य करने वाले मुख्यमंत्री और उनके मंत्रीगण जो आज लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं, उस वक्त यह नैतिकता कहां गई थी जब रातोंरात एच.पी.सी.ए. की सम्पतियों पर कब्जा किया गया।

धर्मशाला में आज एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए संजय शर्मा ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को नैतिकता ओर लोकतंत्र की दुहाई देने का कोई अधिकार नही है जिसने पिछले साल 26-27 अक्तूबर की आधी रात को केबिनट की बैठक कर एचपीसीए की सभी पटटों को रद्द कर सभी सम्पतियों पर ताले जड़कर सुबह होने से पहले कब्जा कर आपातकालीन से भी बत्तर हालात पेैदा कर दिए थे।

उन्होंने पूछा कि एचपीसीए ने ऐसा कौन सा अपराध किया था जिसके लिए ऐसा कठोर कदम उठाना पडा। उन्होने कहा कि वीरभद्रसिंह की सरकार के पहले दिन से लेकर ही एचपीसीए पर अत्याचार नही किए। एचपीसीए अध्यक्ष और अधिकारियों के खिलाफ पांच मुकदमें दर्ज किए।

संजय शर्मा ने कहा कि इस दौरान एचपीसीए के सचिव और अन्य पदाधिकारियों के घर सर्तकता विभाग ने छापे मारे। संजय शर्मा ने कहा कि जब आज यूपीए सरकार के कार्यकाल में उनके स्टील मंत्री रहते हुए भ्रष्टाचार को लेकर जब मुख्यमंत्री के घर छापे पडे तो वे लोकतंत्र की दुहाई दे रहे है ओर उनके मंत्री आपातकालीन जैसी स्थिति बता रहे हैं।
स्ंाजय शर्मा ने कहा कि अब सीबीआई के शिकंजे से सारे राज सामने आएगें और लोगों को सच्चाई का पता चलेगा कि बीवीएस कौन है ओर एपीएस कौन है। उन्होने कहा कि जो व्यक्ति 6 बार मुख्यमंत्री रह चुका है वास्तव में उनके हर कार्यकाल में उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगें हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 में कैसे मुख्यमंत्री बने यह प्रदेश के लोग जानते हैं। विधायक रमेश ध्वाला का अपहरण कर राज्यपाल के समक्ष पेश किया गया और मंत्री बनाया गया लेकिन वह सरकार कितने दिन चली, यह सभी जानते हैं।
वर्ष 2011 में मनोरजंन टैक्स का हवाला देते हुए एचपीसीए प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के बेटे के एक एनजीओ को किंग्स इलेवन द्वारा टेक्स माफ करने के एवज में बड़ी रकम दी गई। जिससे चंद लाख रूपये के लाभ के लिए करोड़ों रूपये के सरकारी टैक्स को चूुना लगाया गया। उन्होने आशा प्रकट की सीबीआई की जांच से सभी तथ्य सामने आएंगें और अनैतिक कार्य करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही होगी।