Home Breaking बेटी की अस्मत से खेलने वाले पिता को फांसी की सजा

बेटी की अस्मत से खेलने वाले पिता को फांसी की सजा

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बेटी की अस्मत से खेलने वाले पिता को फांसी की सजा
Chhatarpur : Father gets death sentence for raping daughter
Chhatarpur : Father gets death sentence for raping daughter
Chhatarpur : Father gets death sentence for raping daughter

छतरपुर। बेटी की अस्मत से खेलने वाले और नवजात नातिन को जिंदा मारने के एक मामले में कोर्ट ने दोषी पिता को फांसी की सजा सुनाई है।

सत्र न्यायाधीश भारत भूषण श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी पिता को दोषी करार दिया। कोर्ट ने पीडि़त पुत्री को तनूजा नाम दिया।

एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि पुलिस थाना गढ़ीमलहरा में इसी साल 28 फरवरी को दिन के करीब दो बजे सूचना मिली कि ग्राम उर्दमऊ के तालाब में एक 6-7 माह के नवाजात शिशु का शव पड़ा हुआ है।

पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया। विवेचना के दौरान पुलिस को पीडि़ता ने पूछतांछ करने पर बताया कि उसके बचपन में ही उसकी मां की मृत्यु हो गई थी। वह अपने पिता के साथ ग्राम उर्दमऊ में रहती थी।

उसका पिता शराब पीने का आदी था। पिछले साल उसके साथ उसके पिता ने जबरन दुष्कर्म किया। उसने किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद उसका पिता उसे जिंद गांव दिल्ली ले गया। वहां भी उसने पीडि़ता के साथ दुष्कर्म किया।

उसके मना करने पर उसका पिता उससे मारपीट करता था। पीडि़ता प्रेगनेंट हो गई तब उसका पिता उसे फिर से उर्दमऊ ले आया और उसका गर्भ गिराने के लिए उसे दवा खिलाई।

अबॉर्शन से एक बच्ची का जन्म हुआ। नवजात बच्ची को उसके पिता ने कपड़े में लपेट कर गांव के मटिया वाले तालाब में फेंक कर मार डाला। पुलिस द्वारा आरोपी पिता का डीएनए परीक्षण कराया गया।

चिकित्सा विज्ञान प्रयोगशाला सागर में आरोपी का डीएनए का मिलान हुआ। इसमें आरोपी पिता के द्वारा अपनी पुत्री के साथ बलात्कार प्रमाणित हुआ।

सत्र न्यायाधीश भारत भूषण श्रीवास्तव की अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार और कानून के तहत लैंगिग मामलों में पीडि़त पक्ष का नाम सार्वजनिक न करते हुए पीडि़ता को तनूजा नाम से संबोधित किया और उसकी पहचान गोपनीय रखी।

न्यायाधीश ने कहा पीडि़ता तनूजा के साथ उसके पिता आरोपी ने क्रूरता पूर्ण, बर्बर, पाशविक, अतुलनात्मक रवैया अपनाकर पुत्री पीडि़ता के साथ जघन्य से जघन्यतम कृत्य किया है। जिससे पीडि़ता तनूजा को इस जघन्न घटना से गहरा मानसिक घाव पहुंचा है।

अदालत ने आरोपी को आईपीसी की धारा 376 में आरोपी के जीवन के अंतिम दिन तक की कठोर कैद की सजा दी। इसके साथ ही तनूजा का गर्भपात कराकर नवजात शिशु की हत्या करने के अपराध में दोषी ठहराकर आईपीसी की धारा 302 में मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई।

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