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छत्तीसगढ़ : IAS बीएल अग्रवाल के ठिकानों पर सीबीआई का छापा

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छत्तीसगढ़ : IAS बीएल अग्रवाल के ठिकानों पर सीबीआई का छापा
Chhattisgarh : CBI raids at five premises of IAS BL Agrawal
Chhattisgarh : CBI raids at five premises of IAS BL Agrawal
Chhattisgarh : CBI raids at five premises of IAS BL Agrawal

रायपुर। छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी और प्रमुख सचिव डॉ. बीएल अग्रवाल के घर व तीन अन्य ठिकानों पर शनिवार की देर शाम सीबीआई ने दबिश देकर जांच शुरु की है। यह कार्रवाई सीबीआई भिलाई द्वारा की जा रही है।

अग्रवाल इससे पहले भी गंभीर व गहरे आपराधिक आरोप से घिर चुके हैं लेकिन इन आरोप से वे बरी भी हो चुके हैं। ताजा मामले में अभी जांच पड़ताल की जा रही है। फिलहाल जांच में लगे अधिकारी कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ घंटों में मामले की तस्वीर सामने आ जाएगी। ऐसी संभावना है कि इस मामले में कोई अन्य केंद्रीय एजेंसी भी सक्रिय है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसर अग्रवाल भ्रष्टाचार के पुराने सभी आरोपों से बरी कर दिए गए थे।

छत्तीसगढ़ सरकार में 1988 बैच के आईएएस अफसर को आयकर विभाग के बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग तथा एंटी करप्शन ब्यूरो ने भी सभी आरोपों से साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया था। मामले को खात्में के लिए न्यायालय भेज दिया गया है।

गौरतलब है कि फऱवरी 2010 में आयकर विभाग ने बीएल अग्रवाल के ठिकानों तथा बैंक लॉकरों पर छापा मारा था। छापे में 253 करोड़ की संपत्ति तथा 220 बैंक खातें मिलने की बात की गई थी।

नवंबर 2008 में भी आयकर विभाग ने बीएल अग्रवाल के यहां छापा मारा था। उस समय उनके बेटे के नाम 85 लाख रुपयों के बीमा होने का पता चला था। आयकर अधिकारियों को तफ्तीश में पता चला था कि आईएएस अग्रवाल ने रायपुर के पास खरोरा गांव के 220 लोगों को अकाउंट होल्डर बनवा दिया था।

सारे खातेधारियों के पास परमानेंट अकाउंट नंबर है। ये सारे लोग अग्रवाल एंड कंपनी की कंपनियों में शेयर होल्डर हैं। इन कंपनियों को आईएएस के भाई अशोक अग्रवाल और पवन अग्रवाल चलाते हैं। इस कार्यवाही के बाद राज्य सरकार ने बीएल अग्रवाल को निलंबित भी कर दिया था तथा उनका प्रमोशन रोक दिया था।

बीएल अग्रवाल ने आयकर विभाग की इस कार्यवाही को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चुनौती दी। आयकर विभाग ने हाईकोर्ट में सफाई दी कि अग्रवाल के यहां से करोड़ों नहीं केवल 7.73 लाख रुपए मिले हैं। आयकर विभाग ने पहले ही मामला आर्थिक अपराध विंग तथा एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दिया था।

बहरहाल आयकर के बाद आर्थिक अपराध विंग तथा एंटी करप्शन ब्यूरो में प्रकरण नस्तीबद्ध होने के बीएल अग्रवाल सभी आरोपों से बरी हो गए थे। लेकिन शनिवार को शुरू हुई कार्रवाई से कुछ नए खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।