Home Rajasthan Bhilwara कांग्रेस नेता का बेटा रेप का दोषी, 7 साल कैद

कांग्रेस नेता का बेटा रेप का दोषी, 7 साल कैद

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कांग्रेस नेता का बेटा रेप का दोषी, 7 साल कैद
chittorgarh rape case : congress leader son's gets 7 years in jail
chittorgarh rape case : congress leader son's gets 7 years in jail
chittorgarh rape case : congress leader son’s gets 7 years in jail

चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़  के बहुचर्चित रहे नाबालिग के दिन दहाड़े अपहरण एवं बलात्कार के मामले के मुख्य आरोपी कांग्रेस नेता शेर खां के पुत्र को सात साल के कठोर कारावास से दण्डित किया है।

स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय ने शनिवार को दिए महत्वपूर्ण निर्णय में अन्य छह आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया है। इस मामले के तीन चश्मदीद गवाहों को न्यायालय ने पहले ही पक्षद्रोही घोषित कर दिया जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े हुए हैं।

लोक अभियोजक सूर्यपाल सिंह सोलंकी ने बताया कि शहर में निवासरत एक नाबालिग को कुछ बदमाशों ने 6 मार्च 2009 को दिन दहाडे चामटीखेडा मार्ग स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय के समीप से उस समय अपहरण कर लिया जब वह अपनी मौसेरी बहन के साथ कोचिंग से घर लौट रही थी। चश्मदीदों ने पुलिस को सूचना दी कि कांग्रेस नेता सावा निवासी मोहम्मद शेर खां के पुत्र जावेद ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस युवती का स्कार्पियो जीप में अपहरण कर लिया।

पुलिस के दबाव को देखते हुए आरोपियों ने किशोरी को बोजुंदा के समीप फेंक दिया और फरार हो गए। पुलिस को युवती ने बताया कि मुख्य आरोपी जावेद सहित अन्य उसे एक गहरी खान में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जिसकी मेडिकल में पुष्टि हो गई। शहर कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर मुख्य आरोपी सहित उसके छह अन्य साथियों अनीस, शहजाद, सिकंदर, आसिफ उर्फ राजा, गुलाम मोहम्मद एवं उस्मान खां सभी सावा निवासी को गिरफ्तार कर इनके विरूद्ध अपहरण व सामूहिक बलात्कार सहित अन्य धाराओं में डेढ़ माह के भीतर 37 गवाहों एवं 67 दस्तावेजों से युक्त आरोप पत्र पेश किया।

मामले की सुनवाई के दौरान अपहरण के चश्मदीद गवाह हिंदू जागरण मंच से जुड़े सुरेन्द्र सिंह सोलंकी, विनीत तिवारी व जोगेन्द्र सिंह के बयानों से मुकरने पर न्यायालय ने पक्षद्रोही घोषित कर दिया था लेकिन निर्णय देते समय विद्वान न्यायाधीश रामेश्वरलाल व्यास ने मेडिकल रिपोर्ट व पीडिता के मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयानों तथा पुलिस द्वारा पेश परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को विश्वसनीय मानते हुए जावेद को धारा 366 में 7 साल कारावास व 10 हजार जुर्माना, धारा 376/511 में 7 साल का कारावास व एक हजार का जुर्माना, धारा 342 में एक साल का कारावास व जुर्माने की सजा से दण्डित करने के साथ अभियुक्त को निर्देश दिए कि वह पीडिता को बतौर सहायता 50 हजार की राशि न्यायालय में जमा करवाए।

अन्य छह आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। सभी आरोपी जमानत पर आजाद थे जिनमें से जावेद को न्यायालय ने बुलवाकर तत्काल पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इस घटना के बाद शहर में तनाव के हालात उत्पन्न हो गए थे।

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