Home Headlines मध्यप्रदेश में शिवराज काल में 10 हजार करोड़ रुपए का घोटाला : कांग्रेस

मध्यप्रदेश में शिवराज काल में 10 हजार करोड़ रुपए का घोटाला : कांग्रेस

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मध्यप्रदेश में शिवराज काल में 10 हजार करोड़ रुपए का घोटाला : कांग्रेस
Congress rout march against shivraj govt scams in Madhya Pradesh
Congress rout march against shivraj govt scams in Madhya Pradesh
Congress rout march against shivraj govt scams in Madhya Pradesh

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में कांग्रेस ने शनिवार को राज्य में व्याप्त ‘घोटालों’ के खिलाफ पैदल मार्च निकाला। पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल प्रवास पर पार्टी और सरकार ऐसा जश्न मना रही है, जैसे प्रदेश में ‘राम राज्य’ हो।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में 10 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है और इस पर पर्दा नहीं डाला जा सकता। कांग्रेस ने प्रदेश कार्यालय से प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला।

यह मार्च रोशनपुरा में कांग्रेस के जिला कार्यालय पर समाप्त हुआ। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है।

उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री कहते हैं भ्रष्टाचार न करेंगे और न करने देंगे। लेकिन मध्य प्रदेश में उनके इस संकल्प का उल्टा ही अर्थ है कि भ्रष्टाचार करेंगे और करने देंगे।

नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सरकार के कार्यकाल में खूब घोटाले हुए हैं। व्यापमं महाघोटाले ने मध्य प्रदेश को न केवल पूरे देश में, बल्कि दुनियाभर में बदनाम किया। प्रदेश की शिक्षा और रोजगार व्यवस्था को न केवल कलंकित किया, बल्कि लाखों मेधावी छात्र-छात्राओं एवं बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया।

शिवराज सिंह के इस कृत्य को प्रदेश कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने किसानों को भी धोखा दिया। सिर्फ होशंगाबाद जिले में ही किसानों के नाम पर समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद में 125 करोड़ का घोटाला सामने आया है।

कांग्रेस का आरोप है कि सहकारिता विभाग में भी किसानों के नाम पर 1,38,4़77 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ। निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए बिजली खरीदने के नाम पर हजारों करोड़ रुपए का घोटाला हुआ।

प्रदेश सरकार ने अपने संयंत्र में बिजली उत्पादन बंद किए हुए हैं। अगर सरकार स्वयं के संयंत्रों से बिजली का उत्पादन करती तो उसे 11 पैसे से 30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदनी पड़ती, लेकिन इसी बिजली को सरकार ने निजी कंपनी से 89 रुपए से 32 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदा और एक साल में ही दो कंपनियों को 758 करोड़ रुपए का भुगतान किया।

कांग्रेस का आरोप है कि हाल ही में हुए किसान आंदोलन के बाद किसानों के आक्रोश से घबराई सरकार ने समर्थन मूल्य पर प्याज और दलहन खरीदने का निर्णय लिया। लेकिन इससे किसानों को लाभ नहीं हुआ। दलालों और बिचौलिए ने मिलकर प्याज खरीदा और 750 करोड़ रुपए का घोटाला किया। दलहन खरीद में सिर्फ नरसिंहपुर जिले की एक मंडी में ही 17 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया। व्यापारियों ने बाजार मूल्य और समर्थन मूल्य के अंतर से प्रति क्विंटल 1,550 रुपये कमाए।

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ आयकर विभाग ने पांच करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति की रिपोर्ट दी, लेकिन यह रिपोर्ट दबा दी गई। आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के और प्रियपात्र बन गए। शुक्रवार को नरोत्तम मिश्रा के घर दोपहर भोज में भाजपा अध्यक्ष शाह गए थे। उस दौरान कथित तौर पर ग्वालियर के शराब व्यापारी राजू कुकरेजा भी मौजूद थे, जिनके खिलाफ 420 का मामला भी चला है।