Home Gujarat Ahmedabad कांग्रेस का चुनावी वादा संवैधानिक रूप से असंभव : अरुण जेटली

कांग्रेस का चुनावी वादा संवैधानिक रूप से असंभव : अरुण जेटली

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कांग्रेस का चुनावी वादा संवैधानिक रूप से असंभव : अरुण जेटली
Congress promises constitutionally impossible, financially improbable: Arun Jaitley
Congress promises constitutionally impossible, financially improbable: Arun Jaitley

अहमदाबाद। बीजेपी ने शुक्रवार को कहा कि गुजरात में पाटीदारों को आरक्षण देने व किसानों की कर्ज माफी का कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र ‘संवैधानिक रूप और वित्तीय रूप से असंभव’ है और पार्टी की समाजिक ध्रुवीकरण की नीति से राज्य को नुकसान होगा।

राज्य विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को होने वाले प्रथम चरण के मतदान से एक दिन पहले भाजपा का चुनावी एजेंडा जारी करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी द्वारा पाटीदारों को आरक्षण देने का वादा गुजरात में ‘क्षति करने की राजनीति’ है।

उन्होंने कहा कि गुजरात में सामाजिक ध्रुवीकरण राज्य को नुकसान पहुंचाने की राजनीति है और अगर कांग्रेस इस रास्ते पर आगे बढ़ेगी तो इससे राज्य को नुकसान पहुंचेगा।

जेटली ने कहा कि कांग्रेस का एक चुनावी वादा संवैधानिक रूप से असंभव है, जो कि आरक्षण है। यह 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता। कांग्रेस की सोच संवैधानकि रूप से असंभावना पर आधारित है।

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि अगर वह राज्य में सत्ता में आएगी तो जिनलोगों को किसी भी प्रकार का आरक्षण नहीं मिलता है, उनके लिए विशेष विधेयक लाया जाएगा और पाटीदारों को विशेष श्रेणी के अंतर्गत आरक्षण दिया जाएगा।

कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल के मूल्य प्रति लीटर 10 रुपए तक घटाने और किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया है। पार्टी ने सभी बेरोजगार युवकों को नौकरी पाने तक 4,000 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का भी वादा किया है।

जेटली ने कहा कि कांग्रेस का वादा सच्चाई से कोसों दूर है। ये ऐसे वादे हैं, जो पूरे नहीं किए जा सकते। वास्तव में इस तरह के वादे वित्तीय रूप से असंभव हैं।

वित्तमंत्री ने कहा कि गुजरात बड़े राज्यों में एक मात्र ऐसा राज्य है, जिसने कुछ वर्षो में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है और यह ऐसे अंतिम पांच साल के दौरान हुआ, जब विश्व और देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं थी।

उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल के आलोचकों को गुजरात की जीडीपी वृद्धि दर को गंभीरता से समझना चाहिए और भाजपा के शासन के अधीन सभी राज्य सभी सामाजिक व वित्तीय क्षेत्र में विकास के गवाह हैं।