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धुंध के तले दिल्ली, वायु गुणवत्ता बदतर

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धुंध के तले दिल्ली, वायु गुणवत्ता बदतर
Delhi air pollution: Is it smog or fog? Opinions differ
Delhi air pollution: Is it smog or fog? Opinions differ
Delhi air pollution: Is it smog or fog? Opinions differ

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के उपनगर बुधवार सुबह धुंध की चादर में लिपटे नजर आए। यहां दृश्यता गिरकर 300 मीटर हो गई, जिससे ट्रेनों के संचालन में देरी और उड़ान का संचालन सुस्त रहा। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में आने वाली 30 ट्रेनें और दिल्ली हवाईअड्डे पर उतरने या उड़ान भरने वाली 30 उड़ानों में देरी हुई।

दिल्ली और आसपास के नोएडा (उत्तर प्रदेश) और गुड़गांव (हरियाणा) में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही। अधिकारियों ने वायु प्रदूषण के कारण बुधवार और गुरुवार को स्कूल बंद करवा दिए हैं।

वहीं, इस स्थिति पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा कि दिल्ली एक गैस चैंबर बन गई है। हर साल इस अवधि के दौरान यह स्थिति होती है। हमें आसपास के राज्यों में पयाली जलाने का हल ढूंढ़ना होगा।

औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्वूआई) 447 और प्रमुख प्रदूषक कणिका तत्व (पीएम) 2.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के ‘गंभीर’ स्तर 475 पर था, जो वैश्विक तौर पर स्वीकार्य सीमा से 19 गुना अधिक है। इस गंभीर स्तर को देखते हुए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने लोगों से बाहरी गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी है।

मंत्रालय द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता और मौसम पूवार्नुमान शोध केंद्र सफर-भारत के अनुसार आज की चहलकदमी को छोड़ दीजिए। अगर आपको असामान्य खांसी, सीने में परेशानी, घरघराहट, सांस लेने में कठिनाई या थकान महसूस हो रही हो तो चिकित्सक से परामर्श लें। अगर आप बाहर जाते हैं तो एन-95 या पी-100 के मास्क ही आपकी बाहर मदद कर सकते हैं।

पर्यावरण प्रदूषण निवारण और नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद (हरियाणा) में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रही। सुबह 10 बजे तक एनसीआर में पीएम 2.5 की उपस्थिति 445 से आंकी गई।

नोएडा सेक्टर 125 में पीएम2.5 का स्तर (525), फरीदाबाद सेक्टर 16 में यह सुबह 10 बजे 452 था। गुरुग्राम के विकास सदन में पीएम 2.5 का स्तर 316 था, जो तब दर्ज सभी इलाकों की तुलना में कम रहा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि राजधानी के कई इलाकों में दृश्यता 300 मीटर रही।