Home Breaking जेटली ने मनमोहन पर किया पटलवार, कहा नोटबंदी इकलौता समाधान नहीं

जेटली ने मनमोहन पर किया पटलवार, कहा नोटबंदी इकलौता समाधान नहीं

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जेटली ने मनमोहन पर किया पटलवार, कहा नोटबंदी इकलौता समाधान नहीं
Demonetisation Was a Moral Step, Organised Loot Happened Under UPA: Jaitley Hits Back
Demonetisation Was a Moral Step, Organised Loot Happened Under UPA: Jaitley Hits Back

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आरोपों को खारिज किया, जिसमें उन्होंने नोटबंदी को ‘संगठित लूट’ करार दिया था। जेटली ने कहा कि इस फैसले के पीछे नैतिक व तार्किक कारण थे जिसने अर्थव्यवस्था को ‘नई दिशा’ दी है।

पिछले साल सरकार द्वारा की गई नोटबंदी का एक साल पूरा होने की पूर्व संध्या पर मंगलवार को संवाददाताओं से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी भ्रष्टाचार को खत्म करने का एकमात्र समाधान नहीं है, लेकिन इसने आर्थिक और वित्तीय फैसलों को एक ‘नई दिशा’ दी है।

जेटली ने कहा कि नोटबंदी भ्रष्टाचार को खत्म करने का एकमात्र समाधान नहीं है, यह हो भी नहीं सकता। लेकिन इसने एजेंडे में बदलाव किया है और यह बदला हुआ एजेंडा यह है कि हमें नकदी रहित अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ना चाहिए। निजी आयकर चुकानेवालों की संख्या बढ़ी है, डिजिटल लेनदेन में इजाफा हुआ है और आतंकवादियों का वित्त पोषण कम हुआ है।

वित्त मंत्री ने कहा कि वे अर्थव्यवस्था की नई दिशा से पूरी तरह संतुष्ट हैं। जेटली ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि आर्थिक पहल को संगठित लूट बताया जा रहा है। काले धन के खिलाफ कदम एक नैतिक कदम है। जो नैतिक रूप से सही है, वही राजनीतिक रूप से सही है।

उन्होंने कहा कि लूट तो वह है जो 2जी, कॉमनवेल्थ गेम्स और कोल ब्लॉक के आवंटन में हुए घोटाले में हुई थी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि नैतिकता पर हमारी और कांग्रेस की सोच अलग-अलग है। उनका मुख्य उद्देश्य परिवार की सेवा करना है और हमारा प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्र की सेवा करना है।

जेटली ने यह बातें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा अहमदाबाद की एक रैली में मंगलवार को नोटबंदी पर लगाए गए आरोपों के जवाब में कही, जिसमें सिंह ने कहा था कि नोटबंदी और बुरी तरह से तैयार किए गए तथा जल्दीबाजी में लागू किए गए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) का दोहरा झटका भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महाविपत्ति साबित हुई है।

जेटली ने कहा कि हम भाजपा के लोग यह मानते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था और उसके भविष्य के लिए यथास्थिति में बदलाव जरूरी है। किसी भी अर्थव्यवस्था में उच्च मूल्य के नोट होने से, खासतौर पर जिसमें 86 फीसदी प्रचलित नोट उच्च मूल्य वाले हों, कर चोरी बढ़ती है। इसके कारण करदाताओं को ही कर चोरों का भी बोझ उठाना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि यह अन्यायपूर्ण है कि देश के विकास और गरीबों के कल्याण के लिए संसाधनों को अमीर लोगों के खजाने में रखा जाए। उन्होंने कहा कम नकदी वाली प्रणाली से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा, लेकिन भ्रष्टाचार करना मुश्किल जरूर हो जाएगा।