Home Health डेंगू मलेरिया या इनके अलावा भी मच्छर हो सकते है खतरनाक जाने

डेंगू मलेरिया या इनके अलावा भी मच्छर हो सकते है खतरनाक जाने

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डेंगू मलेरिया या इनके अलावा भी मच्छर हो सकते है खतरनाक  जाने
Mosquito bite dangerous disease

Mosquito bite dangerous disease

मौसम कैसा भी हो मच्छर आई जाते हैं कुछ भी करलो पर मच्छर को पूरी तरह रोकपाना मुश्किल हैं ,मलेरिया बुखार के कारण प्रतिवर्ष की कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। गंदे पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से फैलनी वाली इस बीमारी के विषय में जानकारी बेहद कारगर है।(साफ-सफाई रखे अपने आस-पास और बाकि को भी रखने को बोले ),आइए आप को मलेरिया के बारें में बताते हैं|

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मलेरिया (About Malaria in Hindi)
मलेरिया मादा ऐनोफ्लीज मच्छर (Female Anopheles Mosquito) के काटने से फैलता है, जोकि गंदे पानी में पनपते हैं। ये मच्छर आमतौर पर दिन ढलने के बाद काटते हैं। जब संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो संक्रमण फैलने से उसमें मलेरिया के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। मलेरिया के दौरान रोगी को तेज बुखार के साथ उलटी और सर दर्द की समस्या भी होती है। मलेरिया के तीन स्टेज होते हैं।

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मलेरिया के स्टेज (Stages of Malaria)

कोल्ड स्टेज (Cold Stage): इस दौरान रोगी को तेज ठंड के साथ कपकपी होती है।
हॉट स्टेज (Hot Stage): इस दौरान रोगी को तेज बुखार, पसीने और उलटी आदि की शिकायत हो सकती है।
स्वेट स्टेज (Sweat Stage): मलेरिया बुखार के दौरान स्वेट स्टेज में मरीज को काफी पसीना आता है।
Dengue

डेंगू, मादा एडीज (Female Aedes) मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। मरीज में अगर जटिल तरह के डेंगू का एक भी लक्षण दिखाई दे तो उसे जल्दी – से – जल्दी डॉक्टर के पास ले जाएं।

डीएचएफ ( DHF – Dengue Hemorrhagic Fever) और डीएसएस (DSS – Dengue Shock Syndrome) बुखार डेंगू के दो प्रकार हैं जिनमें प्लेटलेट्स (Platelets) काफी कम हो जाते हैं, जिसके कारण शरीर के जरूरी अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है।

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प्लेटलेट्स – डेंगू में महत्वपूर्ण कारक (Platelets Count in Dengue)

डेंगू से कई बार मल्टी – ऑर्गन फेल्योर (Multi Organ Failure) भी हो जाता है। डेंगू बुखार के हर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती। आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं। प्लेटलेट्स शरीर में रक्तस्राव (Bleeding) रोकने का काम करती हैं। प्लेटलेट्स अगर एक लाख से कम हैं तो मरीज को फौरन हॉस्पिटल में जाना चाहिए और जरूरी जांच कराने चाहिए। यहां यह ध्यान रखने योग्य बात है कि डेंगू के प्रत्येक मरीज को अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं होती है।

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डेंगू में 2 घंटे में 51 हजार से एक लाख तक प्लेटलेट्स तक गिर सकते हैं। अगर प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार या उससे नीचे पहुंच जाएं तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। 41-51 हजार प्लेटलेट्स तक रक्तस्राव नहीं होता। डेंगू में कई बार चौथे – पांचवें दिन बुखार कम होता है तो लगता है कि मरीज ठीक हो रहा है, जबकि ऐसे में कई बार प्लेटलेट्स गिरने लगते हैं।

मलेरिया के लक्षण

उल्टी व शरीर पर लाल-लाल दाने निकल आते हैं

कमजोरी हो जाती है और चक्कर आते हैं

डेंगू बुखार के लक्षण आम बुखार से थोड़े अलग होते हैं

डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) के मरीजों में साधारण डेंगू बुखार और डेंगू हैमरेजिक बुखार के लक्षणें के साथ-साथ बेचैनी महसूस हो|

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डेंगू हेमोरेजिक बुखार में उपरोक्त लक्षणों के अलावा प्लेटलेट्स की कमी से शरीर में कहीं से भी खून बहना शुरू हो सकता है, जैसे नाक से, दाँतों व मसूड़ों से, खून की उल्टी व मल में खून आना आदि

थकावट व कमजोरी है

नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलनेलगती है और रक्त चाप (Blood Pressure) एकदम कम हो जाता है

बुखार बहुत तेज होता है

सिरदर्द, कमर व जोड़ों में दर्द होता है

हल्की खाँसी व गले में खराश महसूस होती है

घरेलू नुस्‍खे डेंगू का उपचार (Dengue Treatment)

सामान्य उपचार

डेंगू से बचाव का सबसे बेहतरीन उपाय है गंदगी का जमा ना होने देना। अगर मादा एडीज मच्छर पनपेंगे ही तो डेंगू होने की आशंका भी बेहद कम होगी। डेंगू होने पर निम्न उपाय करने चाहिए:

डेंगू की रोकथाम (Treatment of Dengue)

साधारण डेंगू बुखार का इलाज घर पर ही हो सकता है। मरीज को पूरा आराम करने दें। उसे हर छह घंटे में पैरासिटामोल (Paracetamol) दें और बार- बार पानी और तरल चीजें ( नीबू पानी, छाछ, नारियल पानी आदि ) पिलाएं। बच्चों का खास ख्याल रखें।

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बुखार कम होने के बाद भी एक-दो दिन में एक बार प्लेटलेट्स काउंट टेस्ट जरूर कराएं। डेंगू में मरीज के रक्तचाप, खासकर ऊपर और नीचे के रक्तचाप के अंतर पर लगातार निगरानी ( दिन में 3-4 बार ) रखना जरूरी है। दोनों रक्तचाप के बीच का फर्क 20 डिग्री या उससे कम हो जाए तो स्थिति खतरनाक हो सकती है। रक्तचाप गिरने से मरीज बेहोश हो सकता है।

बच्चों में डेंगू की रोकथाम (Treatment of Dengue in Kids)

Mosquito bite dangerous disease

बच्चे नाजुक होते हैं और उनका इम्यून सिस्टम (Immune System of Kids) कमजोर होता है इसलिए बीमारी उन्हें जल्दी पकड़ लेती है। ऐसे में उनकी बीमारी को नजरअंदाज न करें।
बच्चे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए इन्फेक्शन होने और मच्छरों से काटे जाने का खतरा उनमें ज्यादा होता है।
बच्चों घर से बाहर पूरे कपड़े पहनाकर भेजें।
मच्छरों के मौसम में बच्चों को निकर व टी – शर्ट न पहनाएं।
रात में मच्छर भगाने की क्रीम लगाएं।
अगर बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा हो, लगातार सोए जा रहा हो, बेचैन हो, उसे तेज बुखार हो, शरीर पर रैशेज हों, उलटी हो या इनमें से कोई भी लक्षण हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
आमतौर पर छोटे बच्चों को बुखार होने पर उनके हाथ – पांव तो ठंडे रहते हैं लेकिन माथा और पेट गर्म रहते हैं इसलिए उनके पेट को छूकर और रेक्टल टेम्प्रेचर लेकर उनका बुखार चेक किया जाता है। बगल से तापमान लेना सही तरीका नहीं है, खासकर बच्चों में। अगर बगल से तापमान लेना ही है तो जो रीडिंग आए, उसमें 1 डिग्री जोड़ दें। उसे ही सही रीडिंग माना जाएगा।
बच्चे को डेंगू हो तो उसे अस्पताल में रखकर ही इलाज कराना चाहिए क्योंकि बच्चों में प्लेटलेट्स जल्दी गिरते हैं और उनमें डीहाइड्रेशन (पानी की कमी) भी जल्दी होता है।
डेंगू मच्छर के काटने से ही होता है। मादा एडीज मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी का कोई अन्य कारण नहीं है। डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-
खाली बर्तनों को उलटा करके रखें।
पक्षियों के खाने- पीने के बर्तनों को हर रोज साफ करें।
अगर घर में कूलर है तो उसका पानी दो या तीन दिन बाद अवश्य बदलें।
घर में स्थित हौदियों, टैंकरों में पानी को साफ रखने के लिए उसमें क्लोरीन की दो चार गोलियां डाल दें।
घर के आस- पास या छत पर पड़े बेकार टायर, ट्यूब, टूटे हुए मटके, खाली डिब्बों आदि में बरसात का पानी इकठ्ठा न होने दें।
पार्क में जाते समय या ऐसी जगह जाते समय जहां मच्छरों के काटने का खतरा हो, वहां पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए ताकि मच्छर ना काटें।
मच्छरों से बचने के लिए क्रीम, मच्छरदानी और अन्य उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए।

डेंगू एडीज मच्छर (Adeej Mosquito) द्वारा फैलने वाली बीमारी है जो कि हाल के समय में तेजी से बढ़ रही है। डेंगू के बारे में सबसे खास बात यह है कि इसके मच्छर दिन के समय काटते हैं तथा यह मच्छर साफ पानी (Clean Water) में पनपते हैं। डेंगू के दौरान रोगी के जोड़ों में तेज दर्द (Pain in Joints) होता है तथा सिर में भी दर्द (Headache) काफी तेज होता है। बड़ों के मुकाबले यह बच्चों में ज्यादा तेजी फैलता है।

डेंगू के दौरान यदि तुरंत उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है, क्योंकि डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स (Platelates) का स्तर बहुत तेजी से नीचे गिरता है जिससे कई बार अंदरूनी रक्त्स्त्राव (Internal Bleeding) होने की संभावना भी रहती है। डेंगू से बचाव के लिए कुछ घरेलू उपाय भी हैं जिन्हें अपनाकर डेंगू से बचाव संभव है।

आइए आपको भी बताते हैं कि कौन से घरेलू उपाय आपको डेंगू से बचा सकते हैं-
डेंगू के लिए घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies for Dengue)
धनिया पत्ती (Coriander Leaves)
डेंगू के बुखार से राहत के लिए धनिया पत्ती के जूस को टॉनिक के रूप में पिया जा सकता है। यह बुखार को कम करता है।
आंवला (Indian Gooseberry)
आंवला में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है जिससे कि शरीर में एब्जॉर्ब करने की क्षमता बढ़ती है। इससे शरीर ज्यादा लौह तत्व एब्जॉर्ब कर पाता है जो कि डेंगू के बुखार को ठीक करने के लिए जरूरी है।
तुलसी (Basil)
तुलसी के पत्तों को गरम पानी में उबालकर छानकर, रोगी को पीने को दें। तुलसी की यह चाय डेंगू रोगी को बेहद आराम पहुंचाती है। यह चाय दिनभर में तीन से चार बार ली जा सकती है।
पपीते की पत्ती (Papaya Leaves)
पपीते की पत्तियां, डेंगू के बुखाार के लिए सबसे असरकारी दवा कही जाती है। पपीते की पत्तियों में मौजूद पपेन एंजाइम (papain enjymes) शरीर की पाचन शक्ति को ठीक करता है, साथ ही शरीर में प्राटीन को घोलने का काम करता है। डेंगू के उपचार के लिए पपीते की पत्तियों का जूस निकाल कर एक एक चम्मच करके रोगी को दें। इस जूस से प्लेटलेट्स की मात्रा तेजी से बढ़ती है।
बकरी का दूध (Goat Milk)
डेंगू बुखार के लिए एक और बुहत प्रभावशाली दवा है बकरी का दूध। बहुत कम होचुकी प्लेटलेट्स को भी बकरी का दूध तुरंत बढ़ाने की क्षमता रखता है। डेंगू के उपचार के लिए रोगी को बकरी का कच्चा दूध थोड़ा-थोड़ा करके पिलाएं, इससे प्लेटलेट्स बढ़ेंगे और जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलेगा।
चिरायता (Chirayta)
चिरायता में बुखार को ठीक करने के गुण होते हैं। डेंगू के बुखार को भी चिरायता के इस्तेमाल से ठीक किया जा सकता है।
धतूरा (Dhatura)
धतूरे की पत्तियों में डेंगू के बुखार को ठीक करने के गुण होते हैं, लेकिन इसकी खुराक 2 डेसीग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए।
मेथी के पत्ते (Fenugreek Leaves)
मेथी के पत्ते भी डेंगू के बुखार को ठीक कर सकते हैं। मेथी के पत्तों को पानी में उबालकर हर्बल चाय के रूप में इसका पयोग किया जा सकता है। मेथी से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे डेंगू के वायरस भी खत्म होते हैं।
अनार और काले अंगूर (Pomegranate and Black Grapes)
डेंगू बुखार में रक्त की कमी को पूरा करने और प्लेटलेट्स के स्तर को बढ़ाने के लिए अनार और काले अंगूर का रस पीना चाहिए।
संतरे का जूस (Orange juice)
विटामिन सी से भरपूर संतरा, पाचन शक्ती को बढ़ावा देता है साथ ही शरीर का इम्यूनिटी भी बढ़ाता है। ऐसे में डेंगू रोगी को जल्द से जल्द स्वस्थ होने के लिए संतरे के रस का सेवन करना चाहिए।

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