Home India City News धर्मसत्ता और राजसत्ता के शुद्धीकरण की जरूरत : रामदेव

धर्मसत्ता और राजसत्ता के शुद्धीकरण की जरूरत : रामदेव

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धर्मसत्ता और राजसत्ता के शुद्धीकरण की जरूरत : रामदेव

इंदौर। योगगुरु व पतंजलि ब्रांड के स्वामी बाबा रामदेव ने राम रहीम के अनाचार का खुलासा होने के बाद यहां मंगलवार को कहा कि किसी एक व्यक्ति के आधार पर किसी समूह को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। धर्मसत्ता के लिए एक आचार संहिता बननी चाहिए।

पतंजलि योग संस्थान के प्रतिनिधियों की बैठक में हिस्सा लेने इंदौर पहुंचे रामदेव ने संवाददाताओं से कहा कि देश में राजसत्ता और धर्मसत्ता पर जिस तरह से कलंक लगे हैं, इसको देखते हुए उसके शुद्धीकरण की बहुत जरूरत है। इसके लिए आचार संहिता बने, खासकर धर्मसत्ता के लिए आचार्यो ने जो तय की थी, वैसी आचार संहिता बननी चाहिए।

राम रहीम को लेकर पूछे गए सवाल पर रामदेव ने कहा कि किसी एक व्यक्ति के आचारण के आधार पर उस समाज, वर्ग को निशाने पर नहीं लिया जाना चाहिए। आज भी लाखों संत हैं, जो प्रामाणिकता से सद्चरित्रता, पवित्रता के साथ जीवन जी रहे हैं, साधना कर रहे हैं, किसी एक साधु-संत ने गलती की और उस आधार पर पूरी परंपरा को अपराधी मान लेना गलत है।

बाबा ने कहा कि यह सच है कि हर दो-तीन साल में जो घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे बहुत शर्मिदगी झेलना पड़ रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग किसी भी क्षेत्र में शिखर पर हैं, उन्हें अनैतिक आचरण नहीं करना चाहिए और वे अगर ऐसा करते हैं, कानून को तोड़ते हैं तो उन पर कार्रवाई हो।