Home Rajasthan Ajmer महासम्मेलन का छह सुझावों के साथ हुआ समापन

महासम्मेलन का छह सुझावों के साथ हुआ समापन

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आबूरोड। ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में तीन दिन से चल रहे नौवें क्लीनिकल प्रिवेन्टिीव कार्डियोलाजी एवं इमेजिंग महासम्मेलन का रविवार को समारोह पूर्वक समापन हुआ। भारत समेत विश्वभर देशों के नामचीन हृदयरोग विशेषज्ञों ने खुलकर हृदयरोग के कारणों, शोधों व उसके निवारण पर चर्चा की। साथ ही सम्म्मेलन के निष्कर्ष की रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सुझाव के तौर भेजने का निर्णय किया गया।

सम्मेलन में देश में इमरजेन्सी मेडिकल सिस्टम बनाने, जिन लोगों को मोटापा, हाईपरटेंशन, कॉलेस्ट्रॉल से बचाव के सुझाव दिए गए। साथ में ही बच्चों कोइस क्षेत्र में जागरूक करने के लिए कार्य योजना बनाई गई। जिन लोगों को हार्ट की बीमारी है, जिन्होंने एंजियोप्लॉस्टी करा ली है। उन्हें आगे क्या  करना है, क्या  परहेज रखना है। इन सभी बातों पर गहनता से विचार विमर्श किया गया।

दिनों दिन हृदयरोगियों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की गई। विशेषज्ञों ने इसकी रोकथाम करने पर विचार विमर्श किया। सम्मेलन में हृदयरोग विशेषज्ञ इस बात पर सहमत दिखे कि सकारात्मक जीवनशैली, मेडीटेशन, व्यायाम व अध्यात्म को जीवन का  अंग बन जाए। इससे काफी हद तक हृदयरोग से बचा जा सकता है। साथ ही शाकाहारी भोजन को प्रमुखता दी जाए।

चिकित्सकों ने एकमत से गुटखा, एल्कोहल, धूम्रपान तथा नशीली वस्तुओं पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की। इस पर पाबंदी लगाने साठ प्रतिशत तक हृदयरोग कम किया जा सकता है।
यूएई के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. अमरीश अग्रवाल, राष्ट्रीय हार्ट इन्स्टीट्यूट दिल्ली के सीईओ ओपी यादव, एम्स दिल्ली के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ.अम्बुजा राय, हार्ट एसोसिएशन के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन सी नन्दा, कार्यक्रम के आयोजक अध्यक्ष डॉ. एच के चोपड़ा, केलिफोर्निया विश्वविद्यालय के  चिकित्सक प्रो.डॉ डीडवानिया, डॉ. एसके पराशर, महासचिव डॉ. सतीष गुप्ता, ग्लोबल हास्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर के मैनेजिंग ट्रस्टी बीके निर्वेर समेत कई बुद्धिजीवी तथा सुप्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञों ने कहा कि अधिकतर बीमारियां कम भोजन व पौष्टिक भोजन न खाने के कारण हो रही है।

इससे शरीर के  अंग सुचारू रूप से कार्य नहीं करते हैं। स्ट्रेस होने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसका सीधा असर दिल पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि एंजियोग्राफी कराने से हमारा दर्द थोड़े समय केलिए कम अवश्य हो जाता है। लेकिन, कुछ महीनों केबाद फिर से वही समस्या शुरू हो जाती है। इसलिए हमें विशेषज्ञों से उचित सलाह लेनी चाहिए।

मेडिटेशन का रास्ता

अन्तरराष्ट्रीय महासम्मेलन में पहुंचे हृदयरोग विशेषज्ञों ने मेडिटेशन कोजीवन में उतारने का प्रयास किया। प्रतिदिन सुबह से ही हृदयरोग विशेषज्ञ राजयोग मेडिटेशन करते नजर आए। अध्यात्म और राजयोग की पद्धति सीखने का प्रयास किया। इसकेलिए संस्थान की ओर से विशेष व्यवस्था की गई।

उड़ाए गुब्बारे, दिया स्वस्थ दिल का संदेश
कार्यक्रम के समापन सत्र से पूर्व सम्मेलन सभागार के ग्राउण्ड में रंग बिरंगे गुब्बारे उड़ाकर शांति, स्वच्छ एवं स्वस्थ दिल की कामना की गई। कार्यक्रम में सभी वरिाष्ठ पदाधिकारियों ने लोगों को स्वस्थ दिल रखने का आह्वान किया।