Home Breaking रक्षा क्षेत्र की गौरव गाथा सुनाएगा डिफेंस एक्सपो 2016

रक्षा क्षेत्र की गौरव गाथा सुनाएगा डिफेंस एक्सपो 2016

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रक्षा क्षेत्र की गौरव गाथा सुनाएगा डिफेंस एक्सपो 2016
DRDO to bring alive spirit of make in india at Defense Expo 2016
DRDO to bring alive spirit of make in india at  Defense Expo 2016
DRDO to bring alive spirit of make in india at Defense Expo 2016

नई दिल्ली। अत्याधुनिक सैन्य प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन के साथ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) 28 से 31 मार्च के तक गोवा में होने वाले रक्षा एक्सपो 2016 में ‘मेक इन इंडिया’ की भावना के साथ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय गौरव की गाथा सुनाएगा।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर इस द्विवार्षिक प्रदर्शनी के नौवें संस्करण का उद्घाटन करेंगे। जमीन नौसेना और देश की आंतरिक सुरक्षा प्रणालियों की ये प्रदर्शनी दक्षिण गोवा के क्यूपेम तालुका के नाकुएरी क्वितोल में 28 मार्च 2016 को शुरू होगी।

इस साल डीआरडीओ मंडप का डिजाइन विषय “भविष्यवाद का उदय” है। डीआरडीओ का भविष्यवाद भारत को विश्व स्तर के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के आधार के तौर पर स्थापित करके समृद्ध बनाने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रणालियों और समाधान के साथ लैस करके अपनी रक्षा सेवाओं में निर्णायक बढ़त प्रदान करने के लिए अपनी दृष्टि पर जोर देता है।

इस बार डीआरडीओ की भागीदारी की खास बात डिफेंस एक्सपो में उसके बेहतरीन उत्पादों का सजीव प्रदर्शन है। इनमें एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (एईडब्ल्यू एंड सी) हल्का लड़ाकू विमान तेजस शामिल हैं और साथ ही अर्जुन एमबीटी एमके द्वितीय और प्रथम, पहियेदार बख्तरबंद प्लेटफार्म, आकाश वायु रक्षा प्रणाली पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लांचर प्रणाली, रडार बीएलटी टी -72 ब्रिजिंग प्रणाली, सर्वत्र मॉड्यूलर ब्रिज और माउंटेन पैदल पुल आदि शामिल हैं।

इसके अलावा इस तरह के त्वरित प्रयोग में लाए जाने योग्य अन्य आकर्षक स्थैतिक प्रदर्शन हेतु उपलब्ध तकनीकें भी होंगी जिनमें मोबाइल संचार टर्मिनल अश्लेषा, भरणी और तटीय निगरानी रडार (सीएसआर), एमआरएसएम और निर्भय लांचर, पिनाका लांचर और एमके प्रथम और एमके द्वितीय राकेट, उन्नत टारपीडो रक्षा प्रणाली (एटीडीएस) दूर संचालित वाहन दक्ष इत्यादि शामिल हैं।

इनडोर मॉडल और प्रदर्शन में वैमानिकी हथियारों और लड़ाकू इंजीनियरिंग मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रणाली सामग्री, नौसेना प्रणालियों, जीवन विज्ञान, सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और कम्प्यूटेशनल प्रणालियों सहित अनुसंधान एवं विकास के लगभग सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।

कुछ इनडोर प्रदर्शनों में शामिल हैं: आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल का मॉडल अश्लेषा, भरणी और स्वाति, हथियारों का पता लगाने वाला रडार, आईआर गाइडेड मिसाइल परीक्षक, लेजर गाइडेड बम किट परीक्षक, हाथ से किए जाने वाले विस्फोटक डिटेक्टर, शॉर्ट रेंज लेजर डेजलर उन्नत आर्टिलरी गन प्रणाली (एटीएजीएस), नक्षत्र एअरोस्टेट प्रणाली, लड़ाकू फ्री फॉल प्रणाली, जैव शौचालय मॉडल, कम्प्यूटरीकृत पायलट चयन प्रणाली (सीपीएसएस) मॉडल, बहुपद्वति हथगोला, छोटे हथियारों का परिवार, सोनार और टारपीडो, नाइट विजन और माइक्रोवेव उपकरण, बुलेट प्रूफ जैकेट, रोबोटिक्स और मानवरहित सिस्टम, टेलीमेडिसिन, तैयार खाद्य टेक्नोलॉजीज आदि।

डॉ एस क्रिस्टोफर, सचिव रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग तथा महानिदेशक डीआरडीओ मानव संसाधन 10 से 11 बजे के बीच मंगलवार को डिफेंस एक्सपो गोवा में डीआरडीओ की प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे। “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भरता” पर ध्यान केंद्रित करते हुए डीआरडीओ भागीदारी के लिए उद्योग और शिक्षा के साथ सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

डीआरडीओ ने प्रमुखता से सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए अत्यधिक जटिल बहु-विषयक हथियार प्लेटफार्मों के निर्माण की क्षमता का प्रदर्शन किया है। इन प्रणालियों को हमारी सेवाओं के कड़े गुणवत्ता की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कठोर पर्यावरण की स्थिति में बड़े पैमाने पर मूल्यांकन किया गया है।

मेक इन इंडिया के उद्देश्य के साथ डीआऱडीओ इस प्रदर्शनी में शामिल हो रहा है ताकि विभिन्न शोध संस्थानों तथा उद्योगों के बीच संबंध बन सके जिससे कि रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी विकास की दिशा में आगे बढ़ सकें। डीआरडीओ अपने पैवेलियन में सबका स्वागत करता है ताकि लोग उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी और अवसर के क्षेत्र में देश की क्षमताओं की जानकारी हासिल कर सकें।