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28 तक हो सकता है पांच राज्यों में चुनाव का ऐलान, मार्च से पहले मतदान संभव

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28 तक हो सकता है पांच राज्यों में चुनाव का ऐलान, मार्च से पहले मतदान संभव
election Commission recommended ban on fighting from 2 seats

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नई दिल्ली। चुनाव आयोग अगले वर्ष प्रस्तावित उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को 28 दिसम्बर तक अंतिम रूप दे सकता है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि यूपी में सात चरणों में तथा शेष राज्यों में एक ही चरण में चुनाव कराया जाएगा।  पांचों राज्यों में एकसाथ ही चुनाव करवाए जा सकते हैं।
संभावना जताई जा रही है कि इस बार भी वर्ष 2012 की ही तरह यूपी में सबसे अधिक एक लाख 28 हजार 112 मतदान केंद्र स्थापित किए जा सकते हैं, जबकि पंजाब में 19 हजार 724, उत्तराखंड में 9744, गोवा में 1612 और मणिपुर में 2325 मतदान केंद्र हो सकते हैं।
जानकारी के अनुसार 28 दिसंबर को चुनाव के चरणों और तिथियों पर अंतिम निर्णय चुनाव आयोग ले सकता है। इससे पहले चुनाव आयोग ने सुरक्षा बलों की उपलब्धता और बोर्ड परीक्षाओं के मतदान की तिथियों में टकराव नहीं होने के मुद्दे पर चर्चा कर ली है।

आयोग ने 255 राजनीतिक दलों को सूची से भी हटाया है और उनको मिलने वाले चंदे के दुरुपयोग के संबंध मे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को पड़ताल करने के लिए पत्र भी लिखा है। आयोग द्वारा सुरक्षा बलों की मांग पर केंद्र सरकार की ओर से सहमति जताई गई है। साथ ही संकेत दिया है कि सुरक्षा बलों की उपलब्धता में कोई परेशानी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि 2017 में गोवा, मणिपुर और पंजाब में विस का कार्यकाल 18 मार्च को समाप्त हो रहा है जबकि उत्तराखंड विस का कार्यकाल 26 मार्च को खत्म हो रहा है। वहीं यूपी विस का कार्यकाल 27 मई को समाप्त हो रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आयोग ने यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में पिछले चुनावों में हुई घटनाओं की समीक्षा कर ली है। राज्यों में तैनात चुनाव अधिकारियों की रिपोर्ट पर भी विचार कर लिया है। साथ ही संख्या बल के हिसाब से सुरक्षा बलों की तैनाती पर भी चर्चा हो चुकी है।

-बोर्ड परीक्षा से पहले हो सकता है चुनाव
देश की सबसे बडी विधानसभा उत्तर प्रदेश की 403 सीटों के लिए चुनाव वहां पर बोर्ड की परीक्षाओं से पहले ही आयोजित किए जा सकते हैं। ऐसे में वहां पर बोर्ड की परीक्षाओं की तिथि आगे जा सकती है या फिर फरवरी तक चुनाव करवाए जा सकते हैं।

इसी तरह उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में भी बोर्ड परीक्षा से पूर्व ही विधानसभा के चुनाव निपटाने के मूड में चुनाव आयोग है। ऐसे में यह माना जा हरा हैं कि जनवरी के अंत से मार्च के पहले सप्ताह तक पांचों राज्यों का चुनाव करवाए जा सकते हैं।
-प्रचार के लिए आयोग देता है 21 दिन
मतदान की तारीख का ऐलान करने के बाद चुनाव आयोग अधिकतम 21 दिन राजनीतिक दलों को प्रचार के लिए देता है। फिर नामांकन प्रक्रिया और मतदान के संबंध में आयोग की ओर से एक अधिसूचना जारी की जाती है। राजनीतिक दलों के पास दो सप्ताह से ज्यादा समय नामांकन कराने के लिए होता है। इसके बाद मतदान निर्धारित चरणों में कराया जाता है।