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देवनानी का छात्राओं से 4डी अपनाने का आह्वान

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अजमेर। राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने छात्राओं से चार डी को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे न केवल स्वयं का विकास करें अपितु समाज को भी जागरू क करें।

प्रो. देवनानी ने शनिवार को सावित्री राजकीय महाविद्यालय में देवनारायण योजना के तहत छात्राओं को स्कूटी वितरित करते हुए कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के माध्यम से समाज के पिछडे वर्ग को आगे बढ़ाने के अपने संकल्प के प्रति गंभीर है।

उन्होंने चार डी को स्पष्ट करते हुए कहा कि छात्राओं को अनुशासन, मर्यादा, सर्मपण एवं प्रतिबद्धता को अंगीकार कर अपने विकास के साथ ही समाज को आदर्श बनाने का प्रयास करना चाहिए।

प्रो.देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार के शिक्षा प्रसार के बावजूद राजस्थान में महिला साक्षरता की दर 61 प्रतिशत है जबकि छात्रों में 78 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के तहत ही राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है और इसी का परिणाम है कि महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है।

उन्होंने कहा कि महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने हाल ही में देवनारायण योजना में परिवर्तन कर 50 प्रतिशत तक अंक लाने वाली छात्राओं को इसमें शामिल किया हैं। पहले इस योजना में 60 प्रतिशत तक अंक लाने वाली छात्राओं को ही स्कूटी वितरित की जाती थी।

राजस्थान में इस साल एक हजार से अधिक छात्राओं में स्कूटी वितरित की जाएगी। सावित्री महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी और अन्य सुविध ओं को बढ़ाने संबंधी समस्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इस कमी को दूर करने के प्रति संकल्पबद्ध है।

शिक्षामंत्री के पैरों में गिरकर लगाई गुहार

सावित्री राजकीय महाविद्यालय में गैर सरकारी और अनुदानित शिक्षकों ने शिक्षा राज्य मंत्री से मिलकर नियमित वेतन श्रृंखला में लेने और स्थायी नियुक्ति करने की गुहार की। देवनानी महाविद्यालय में छात्राओं को स्कूटी वितरण करसभागार से बाहर निकले तभी वहां कार्यरत शिक्षकों ने उनके पैरों में गिर कर उन्हें स्थायी करने और नियमित वेतन दिलाने की मांग की।

महाविद्यालय में कार्यरत 16 शिक्षकों जिनमें से कुछ परित्यक्ता विधवा और एकल महिला भी शमिल है ने शिक्षा मंत्री से कहा कि राज्य सरकार के आदेशों के बावजूद महाविद्यालय प्रशासन द्वारा गत पांच माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है और न ही उन्हें स्थायी किया जा रहा है। बाद में प्रो.देवनानी ने शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल से बात कर उन्हें आशवस्त किया कि इस संबंध में त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के पास गैर अनुदानित शिक्षकों के संबंध में एक प्रस्ताव विचाराधीन है। प्रस्ताव में ऎसे शिक्षकों को अनुबंध के आधर पर नियुक्ति देने का प्रावधान है परन्तु उन्हें नियमित वेतन श्रृंखला में लेने का कोई प्रावधान नहीं है। सरकार इस पर गंभीरता से विचार क र रही है और शीघ्र ही इस पर निर्णय ले लिया जाएगा।

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