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राजनीतिक विज्ञापनदाताओं के ब्योरे का खुलासा करेगी फेसबुक

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राजनीतिक विज्ञापनदाताओं के ब्योरे का खुलासा करेगी फेसबुक
Facebook to disclose details about political advertisers
Facebook to disclose details about political advertisers
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सैन फ्रांसिस्को। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने राजनीतिक विज्ञापनों को पारदर्शी बनाने का वादा किया है। इसके जरिए फेसबुक सोशल नेटवर्क के उपयोगकर्ताओं को विज्ञापनदाताओं की पहचान और उनकी स्थिति समेत दूसरी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करने की अनुमति देगा।

फेसबुक का यह कदम 1 नवंबर को होने वाली अमरीकी कांग्रेस सुनवाई से ठीक पहले आया है। सुनवाई में फेसबुक समेत टेक दिग्गजों से 2016 राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप को लेकर पूछताछ की जाएगी।

फेसबुक विज्ञापनों के उपाध्यक्ष रॉब गोल्डमैन ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि जो विज्ञापनदाता चुनाव से संबंधित विज्ञापन चलवाना चाहते हैं। अब हमें उनके तमाम दस्तावेजों की जरूरत होगी।

गोल्डमैन ने कहा कि हम अमरीका के संघीय चुनाव से शुरुआत करेंगे और बाद में दूसरे देशों में चुनाव और अधिकार क्षेत्र में होने वाले चुनाव और अतिरिक्त प्रतिस्पर्धाओं की तरफ अपना रुख करेंगे।

दस्तावेज जुटाने की प्रक्रिया के तहत चुनाव संबंधी विज्ञापन चलवाने के लिए विज्ञापनदाताओं की पहचान की जरूरत पड़ सकती है। साथ ही, उन्हें अपनी वास्तविकता और स्थिति को सत्यापित करानी होगी।

एक बार सत्यापित होने के बाद उन विज्ञापनदाताओं को अपने चुनाव संबंधी विज्ञापनों का खुलासा करना होगा।

गोल्डमैन ने कहा कि जब आप ‘खुलासे’ पर क्लिक करेंगे, तो विज्ञापनदाता का संपूर्ण विवरण देखने में सक्षम हो सकेंगे। फेसबुक पर दूसरे विज्ञापनों की तरह आप यह भी स्पष्ट कर सकेंगे कि आपने उस विशेष विज्ञापन को क्यों देखा।

फेसबुक ने कहा कि वह जल्द ही एक ऐसा फीचर लाने जा रहा है, जिसके जरिए उपयोगकर्ताओं को फेसबुक के किसी भी पेज को देखने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही, किस पेज पर कौन सा विज्ञापन चल रहा है, उपयोगकर्ता उसे भी देख सकेंगे।

गोल्डमैन ने कहा कि हम इस परीक्षण की शुरुआत कनाडा से करेंगे और अगले साल नवंबर माह में अमेरिका में होने वाले मध्यावधि चुनाव से पहले गर्मियों तक इस फीचर को लागू कर देंगे। अमेरिका के साथ इस दौरान हम इसे बड़े स्तर पर दूसरे देशों में लागू करेंगे।

अमरीका में 2016 में राष्ट्रपति चुनाव में फेसबुक समेत गूगल और ट्विटर पर रूस से पैसा लेकर चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगा था। इसको लेकर अगले सप्ताह कांग्रेस में सुनवाई होनी है, जहां चुनाव को प्रभावित करने के लिए कथित तौर पर रूस को मंच प्रदान करने के आरोप पर उन्हें अपनी स्थिति साफ करनी है।