Home Gujarat Ahmedabad जद (यू) का नीतीश गुट अकेले लड़ेगा गुजरात चुनाव

जद (यू) का नीतीश गुट अकेले लड़ेगा गुजरात चुनाव

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जद (यू) का नीतीश गुट अकेले लड़ेगा गुजरात चुनाव
Nitish Kumar led JD(U) to contest Gujarat elections on its own
Nitish Kumar led JD(U) to contest Gujarat elections on its own
Nitish Kumar led JD(U) to contest Gujarat elections on its own

नई दिल्ली। जनता दल युनाइटेड के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गुट ने शनिवार को गुजरात विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने और भाजपा के साथ गठबंधन न करने की घोषणा की।

पार्टी ने निर्वाचन आयोग से गुजरात चुनाव के मद्देनजर पार्टी के चुनाव चिह्न् पर तत्काल निर्णय लेने का आग्रह किया। जद (यू) महासचिव के.सी. त्यागी ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव में हम अपनी पारंपरिक सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे।

उन्होंने कहा कि पार्टी गुजरात में भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी। त्यागी ने कहा कि हम राज्य में भाजपा समेत अन्य किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि इससे पहले, जब जद (यू) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा था, तब भी उसने बिना गठबंधन के चुनाव लड़ा था।

वर्ष 2012 में जद (यू) ने यहां 182 सदस्यीय विधानसभा में केवल चार या पांच सीट पर चुनाव लड़ा था और उसे यहां एक सीट पर जीत मिली थी।

राज्यसभा सदस्य ने आयोग से गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए पार्टी के चुनाव चिह्न् मामले पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव की घोषणा हो चुकी है, हम चुनाव आयोग से इस मामले में जल्द फैसला सुनाने का आग्रह करते हैं, ताकि हम भी अपनी पार्टी के उम्मीदवार तय कर सकें।

पार्टी के बागी गुट की अगुवाई कर रहे शरद यादव पर बरसते हुए त्यागी ने कहा कि पार्टी चुनाव चिह्न् के मुद्दे पर निर्वाचन आयोग में उनके द्वारा दाखिल दस्तावेज फर्जी, झूठे और मनगढ़ंत हैं।

जद (यू) के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि चुनाव आयोग ने पार्टी चिह्न् के मामले में दो बार हमारे पक्ष को मजबूत किया है। शरद यादव गुट द्वारा दाखिल दस्तावेज फर्जी, झूठे और मनगढ़ंत हैं।

शरद यादव राजग के खिलाफ विपक्षी दलों के बीच एकता के प्रयास में जुटे हैं। उन्होंने बागी तेवर तब अपना लिया, जब नीतीश ने बिहार में महागठबंधन को मिले जनादेश को ताक पर रखते हुए अचानक भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली।

त्यागी ने कहा कि एक संवाददाता सम्मेलन में, माकपा नेता सीताराम येचुरी, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता तारिक अनवर ने इस मामले को नैतिक या विशेषाधिकार समिति को भेजने की मांग की थी। ये लोग सुझाव देने वाले कौन होते हैं?

उन्होंने ने कहा कि कुछ दिन पहले कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता रात्रिभोज में उपराष्ट्रपति से मिले थे और उनसे शरद यादव मामले में मदद का आग्रह किया था। इस मामले को प्रभावित करना पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक है।

गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में 9 और 14 दिसंबर को होगा। नीतीश गुट ने जुलाई में राजद और कांग्रेस का साथ छोड़कर बिहार में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया था। भाजपा को सत्ता में लाने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पटना के होटल मौर्या में दो महीने तक डेरा डालने के बावजूद नाकाम रहे, लेकिन नीतीश ने वह काम चंद घंटों में कर दिखाया।

गुजरात के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अहमद पटेल को हराने के लिए शाह ने सभी दांव आजमाए, लेकिन जद (यू) के शरद गुट के एक विधायक के वोट ने शाह के मंसूबे पर पानी फेर दिया था।