Home Bihar निरस्त हो सकती है फर्जी डिग्री देने वाले संस्थान की संबद्धता

निरस्त हो सकती है फर्जी डिग्री देने वाले संस्थान की संबद्धता

0
निरस्त हो सकती है फर्जी डिग्री देने वाले संस्थान की संबद्धता
fake degree case : grant May cancel of Bhagalpur's tilka manjhi university
fake degree case : grant May cancel of Bhagalpur's tilka manjhi university
fake degree case : grant May cancel of Bhagalpur’s tilka manjhi university

नई दिल्ली/मुंगेर। बिहार में भागलपुर के तिलकामांझी विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डा. ए.के. राय ने मंगलवार को साफ किया कि मुंगेर स्थित विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान के काम-काज के जांच में यदि फर्जी एलएलबी डिग्री के मामले व्यापक स्तर पर मिलते हैं, तो विश्वविद्यालय इस विधि संस्थान की संबद्धता को निरस्त कर सकती है।


राय ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यदि विधि संस्थान के काम-काज में फर्जी एलएलबी डिग्री के मामले व्यापक स्तर पर मिलते हैं, तो विश्वविद्यालय इस विधि संस्थान की सम्बद्धता को निरस्त करने की सिफारिश बिहार सरकार से कर सकती है।


गौरतलब हो कि दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर विश्वनाथ सिंह विधि महाविद्यालय में सत्र 1994 -97 के छात्र बताए जा रहे हैं । तोमर ने 1997 में परीक्षा नहीं दी थी। 1998 में फाइनल परीक्षा दी। उस परीक्षा में तोमर फेल हो गए थे। फिर 1999 में परीक्षा दी तो पास हो गए।

उन्हें इस कॉलेज से डिग्री मिली। तोमर के सत्र में लगभग एक हजार से अधिक छात्र-छात्राएं थीं। उसी सत्र में कई प्रांतों के रेल अधिकारी भी इस कॉलेज में अपना-अपना नामांकन कराए थे और 1999 में तोमर के साथ-साथ उन सभी को कॉलेज द्वारा डिग्री प्रदान की गई थी।


जिस समय तोमर दिल्ली का विधायक चुने गए, उसके बाद ही कॉलेज से आरटीआई के माध्यम से कई बार डिग्री की पूरी जानकारी की मांग की चुकी है । कॉलेज प्रशासन इसकी अनदेखी करता रहा है।

जब न्यायालय द्वारा तोमर के संबंध में जानकारी मांगी गई तो कॉलेज प्रशासन हरकत में आया और कॉलेज ने न्यायालय को टीआर की छाया कॉपी उपलब्ध कराई।

कोर्ट द्वारा दखल दिए जाने के बाद लॉ कॉलेज प्रशासन मुंगेर ने सारी दस्तावेजों की खोजबीन शुरू की तो पता चला की टीआर 10136 में जीतेंद्र सिंह तोमर का नाम छात्र था, जिसका स्थायी पता दिल्ली है।