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‘समझदार’ ने की ‘नादानी’, पहुंच गया जेल

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‘समझदार’ ने की ‘नादानी’, पहुंच गया जेल

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सबगुरु न्यूज-सिरोही। पिण्डवाड़ा तहसील के सिवेरा गांव में झोलाछाप चिकित्सा का जनरल नॉलेज की कमी ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। झोलाछाप की कमी इतनी थी कि उसे तहसीलदार का चेहरा नहीं पता था और उसे ट्रेप करने पहुंचे तहसीलदार ने जब खुदको मरीज के रूप में उसके सामने पेश किया तो झोलाछाप ने उन्हें गैस की समस्या बताते हुए इलाज शुरू कर दिया। फिर क्या था तहसीलदार ने उसकी हवा निकाल दी।
जिले के आदिवासी क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। इन्हें रंगे हाथों पकडऩे के लिए पिण्डवाड़ा के तहसीलदार चेनसिंह चम्पावत ने अनूठे अंदाज में एक झोलाछाप चिकित्सक को धर दबोचा। उनके नेतृत्व में गठित दल गांव सिवेरा पहुंची। वहां पर झोलाछाप डॉक्टर के पास तहसीलदार एसीडीटी की बीमारी का बहाना कर उपचार करवाने को गए। वहां प्रेक्टिस कर हरे सागर समझदार पुत्र उपेन्द्र समझदार ने अपने आवास पर मरीज बनकर पहुंचे तहसीलदार को पहचाना नहीं।

ऐलोपेथी प्रेक्टिस कर रहे समझदार ने नादानी कर दी। मरीज बने तहसीलदार को पहचान नहीं पाया और जैसे ही तहसीलदार ने उन्हें पेट की शिकायत बताई तो वो उनके उपचार में जुट गया। इस बीच साथ आए पिण्डवाड़ा के बीसीएमओ डॉ. हनुमंतसिंह, झाड़ोली पीएचसी के डॉ. हितेन्द्रसिंह, जिला औषधी नियंत्रण अधिकारी ओमप्रकाश चौधरी व कांस्टेबल शांतिलाल की टीम ने उसे धर दबोचा।  तब जाकर उसे पता चला कि जिसका वो उपचार कर रहा है वे तहसीलदार है एवं उनके ही नेतृत्व में टीम कार्यरत थी।

उसके चेहरे की हवाइयां उडऩे लगी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। टीम को मौके से प्रतिबंधित डायक्लोफेन मल्टीडोज इंजेक्शन, खुला पड़ा टीटी इंजेक्शन, लेबोरेटरी में उपयेाग आने वाले प्रसुती जांच किट, मलेरिया जांच किट सहित अन्य एलोपेथी दवाइयां मिली जिन्हें जब्त कर लिया गया।

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